श्री भैरव आरती लिरिक्स Shri Bhairav Aarti Lyrics

भैरव हिंदू धर्म में भगवान शिव के पांचवें अवतार माने जाते हैं। वे शिव के उग्र रूप हैं और विनाश और परिवर्तन के प्रतीक हैं। भैरव को अक्सर एक भयंकर और डरावने रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन वे एक शक्तिशाली रक्षक भी हैं जो भक्तों को बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं।

भैरव की पूजा- भैरव की पूजा अक्सर हिंदू धर्म में की जाती है। भैरव भक्तों को बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए भैरव की पूजा करते हैं। भैरव की पूजा अक्सर एक मंदिर या घर पर की जाती है। भैरव की पूजा में अक्सर भैरव मंत्रों का जाप, भैरव आरती और भैरव को भोग चढ़ाना शामिल होता है।

भैरव को कई शक्तियां प्राप्त हैं, जिनमें शामिल हैं: विनाश और परिवर्तन: भैरव विनाश और परिवर्तन के देवता हैं। वे बुराई को नष्ट कर सकते हैं और अच्छे को बढ़ावा दे सकते हैं। रक्षा: भैरव शक्तिशाली रक्षक हैं। वे भक्तों को बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचा सकते हैं। ज्ञान: भैरव ज्ञान के देवता हैं। वे भक्तों को ज्ञान और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं। शक्ति: भैरव बहुत शक्तिशाली हैं। वे भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान कर सकते हैं।

भैरव के बारे में कई कहानियां हैं। इन कहानियों में से एक में, भैरव ने एक राक्षस का वध किया था जो दुनिया को तबाह कर रहा था। एक अन्य कहानी में, भैरव ने एक राजकुमारी को एक राक्षस से बचाया था। भैरव हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे विनाश और परिवर्तन, रक्षा, ज्ञान और शक्ति के प्रतीक हैं। भैरव की पूजा अक्सर हिंदू धर्म में की जाती है और उन्हें एक शक्तिशाली रक्षक और मार्गदर्शक माना जाता है।

Naye Bhajano Ke Lyrics

श्री भैरव आरती लिरिक्स Shri Bhairav Aarti Lyrics

जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा,
जय काली और,
गौरा कृत सेवा।

तुम पापी उद्धारक,
दुख सिन्धु तारक,
भक्तों के सुखकारक,
भीषण वपु धारक,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।

वाहन श्वान विराजत,
कर त्रिशूल धारी,
महिमा अमित तुम्हारी,
जय जय भयहारी,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।

तुम बिन देवा सेवा,
सफल नहीं होवे,
चतुर्वतिका दीपक,
दर्शन दुःख खोवे,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।

तेल चटकी दधि,
मिश्रित माषवली तेरी,
कृपा कीजिये भैरव,
करिये नहीं देरी,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।

पाँवों घुंघरू बाजत,
डमरू डमकावत,
बटुकनाथ बन बालक,
जन मन हरषवत,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।

बटुकनाथ की आरती,
जो कोई जन गावे,
कहे धरणीधर वह नर,
मन वांछित फल पावे,
जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा।
 


कष्ट संकट नाशक - श्री भैरव आरती | Om Jai Bhairav Deva | Shree Bhairav Aarti | Bhairo Baba Aarti

 
भैरव आरती एक भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान शिव के पांचवें अवतार, भैरवनाथ की पूजा के लिए गाया जाता है। इस आरती में, भक्त भैरवनाथ की जयकार करते हैं और उन्हें पापी उद्धारक, दुखों का नाश करने वाला, भक्तों का सुख देने वाला और भीषण रूप वाला बताते हैं। वे कहते हैं कि भैरवनाथ के बिना किसी भी देवता की पूजा सफल नहीं होती है। भैरवनाथ के चौमुखी दीपक के दर्शन से दुख दूर होते हैं। भक्त भैरवनाथ से दही और घी से मिश्रित माष की खिचड़ी का भोग लगाते हैं और उनसे शीघ्र कृपा करने की प्रार्थना करते हैं। वे कहते हैं कि जो कोई भैरवनाथ की आरती गाता है, वह मनोवांछित फल प्राप्त करता है। इस प्रकार, भैरव आरती एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो भक्तों को भैरवनाथ की कृपा प्राप्त करने और बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहने में मदद करती है।

भैरव आरती का महत्व

भैरव आरती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण आरती है। यह भैरवनाथ की पूजा करने का एक लोकप्रिय तरीका है। भैरवनाथ को भगवान शिव के पांचवें अवतार के रूप में माना जाता है। वे एक शक्तिशाली रक्षक और मार्गदर्शक हैं। भैरव आरती का पाठ करने से भक्तों को भैरवनाथ की कृपा प्राप्त होती है और वे बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहते हैं।

भैरव आरती के लाभ

भैरव आरती के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
यह भैरवनाथ की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
यह बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।
यह भक्तों को आध्यात्मिक प्रगति करने में मदद करता है।
यह भक्तों को शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

भैरव आरती कैसे करें

भैरव आरती को किसी भी दिन और किसी भी समय किया जा सकता है। हालांकि, इसे भैरवनाथ के दिन, शनिवार को करना सबसे अच्छा माना जाता है। भैरव आरती करने के लिए, आप एक मंदिर में जा सकते हैं या अपने घर में एक पूजा स्थल बना सकते हैं। पूजा स्थल को साफ और सुंदर बनाए रखें। भैरवनाथ की मूर्ति या तस्वीर रखें और उनके सामने आरती करें। आरती के दौरान, भगवान शिव और भैरवनाथ को फूल, धूप, दीप और अन्य प्रसाद अर्पित करें। आरती के बाद, भैरवनाथ से अपनी मनोकामनाएं मांगें।
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