पितृ पक्ष एक हिंदू धार्मिक पर्व है जो भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस अवधि को पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित किया जाता है। लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना और अनुष्ठान करते हैं। वे पितरों के लिए भोजन और पानी का अर्पण करते हैं, और उन्हें पितृलोक में शांति और खुशी प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। श्राद्ध - श्राद्ध एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों के लिए भोजन और पानी का अर्पण किया जाता है। श्राद्ध आमतौर पर किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे किया जाता है।
पितरां की ज्योत सवाई जी पितरां की
पितरां की ज्योत, सवाई जी पितरां की, ज्योत सवाई आँ की, घणी सकलाई, म्हें तो मिल कर महिमा, गाई जी पितरां की।
कुल का देव या कुल का रक्षक, चरणां मांय झुकाल्यो मस्तक, थे तो सदा करो सेवकाई जी, पितरां की।
घर परिवार का मालिक समझो, थारे सिर पर आँ को करजो,
New Bhajan 2023 Lyrics in Hindi
जो कुछ है सारी कमाई जी, पितरां की।
हर मावस न ज्योत थे लीज्यो, सालु साल पहरावनी दीज्यो, और दिल स करो बड़ाई जी, पितरां की।
बिन्नू श्याम सरोवर सागे, अरज कर है पितरां आगे, म्हाने याद घनेरी आई जी, पितरां की, पितरां की ज्योत सवाई जी, पितरां की।
Pitarji jyot sawai ji bhajan singer Rakesh bawalia