पितरां की ज्योत सवाई जी पितरां की लिरिक्स Pitara Ki Jot Sawai Lyrics

पितृ पक्ष एक हिंदू धार्मिक पर्व है जो भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस अवधि को पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित किया जाता है। लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना और अनुष्ठान करते हैं। वे पितरों के लिए भोजन और पानी का अर्पण करते हैं, और उन्हें पितृलोक में शांति और खुशी प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। श्राद्ध - श्राद्ध एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों के लिए भोजन और पानी का अर्पण किया जाता है। श्राद्ध आमतौर पर किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे किया जाता है।

पिंडदान - पिंडदान एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों को आटे और चावल के पिंड अर्पित किए जाते हैं। पिंडदान आमतौर पर किसी पवित्र स्थान पर किया जाता है। तर्पण - तर्पण एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों को जल का अर्पण किया जाता है। तर्पण आमतौर पर किसी पवित्र स्थान पर किया जाता है।

पितृ पक्ष के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठानों से पितरों की आत्माओं को शांति और मोक्ष मिलता है। पितृ पक्ष के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठानों से पितर अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठानों से वंशजों को सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है। पितृ पक्ष एक ऐसा अवसर है जब हम अपने पूर्वजों को याद कर सकते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यह एक ऐसा समय है जब हम अपने पूर्वजों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर सकते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई हैं। जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है।" यह बिल्कुल सही है। हिंदू धर्म में माता-पिता को देवता माना जाता है। इसलिए, उनके प्रति हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सेवा करें और उनकी देखभाल करें। जब वे मर जाते हैं, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनके लिए श्राद्ध करें ताकि उनकी आत्माओं को शांति और मोक्ष मिल सके। पितृ पक्ष एक ऐसा समय है जब हम अपने पूर्वजों के प्रति अपना कर्तव्य निभा सकते हैं और उन्हें सम्मान दे सकते हैं।

Naye Bhajano Ke Lyrics

पितरां की ज्योत सवाई जी पितरां की लिरिक्स Pitara Ki Jot Sawai Lyrics

पितरां की ज्योत,
सवाई जी पितरां की,
ज्योत सवाई आँ की,
घणी सकलाई,
म्हें तो मिल कर महिमा,
गाई जी पितरां की।
 
कुल का देव या कुल का रक्षक,
चरणां मांय झुकाल्यो मस्तक,
थे तो सदा करो सेवकाई जी,
पितरां की।
 
घर परिवार का मालिक समझो,
थारे सिर पर आँ को करजो,
जो कुछ है सारी कमाई जी,
पितरां की।
 
हर मावस न ज्योत थे लीज्यो,
सालु साल पहरावनी दीज्यो,
और दिल स करो बड़ाई जी,
पितरां की।
 
बिन्नू श्याम सरोवर सागे,
अरज कर है पितरां आगे,
म्हाने याद घनेरी आई जी,
पितरां की,
पितरां की ज्योत सवाई जी,
पितरां की।
 


Pitarji jyot sawai ji bhajan singer Rakesh bawalia

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