नित नेम से जो भी उठकर वाल्मीकि जी को ध्याता है लिरिक्स Nit Nem Se Jobhi Lyrics
नित नेम से जो भी उठकर वाल्मीकि जी को ध्याता है लिरिक्स Nit Nem Se Jobhi Lyrics
नित नेम से जो भी उठकर,वाल्मीकि जी को ध्याता है,
हर संकट मिट जाये उसका,
सुखी जीवन हो जाता है,
कर देते माला माल,
जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार,
जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धार,
जगत गुरु वाल्मीकि।
आदि कवि प्रभु वाल्मीकि जी,
रामायण के रचयिता है,
चारो युगो के है अवतार,
हर युग में तुम्हें देखा है,
सुन दुखियो की ये पुकार,
जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार,
जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धार,
जगत गुरु वाल्मीकि।
मां सीता को दुख ने घेरा,
सुख का आशियाना दीया प्रभु,
लव और कुश को देके भेजो,
बन गए थे उनके गुरु,
पासी केसरी का करदो,
उद्धार जगत गुरु वाल्मीकि,
आये दुनिया में अवतार,
जगत गुरु वाल्मीकि,
करने दुनिया का उद्धार,
जगत गुरु वाल्मीकि।