सुध ले लो मेरी घनश्याम

सुध ले लो मेरी घनश्याम

आप आए नहीं,
और खबर भी न ली,
खत लिख लिख के भेजे तमाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम।

हम तो कन्हैया हुए तेरे ही दीवाने,
चाहे तू माने या चाहे ना माने,
आँखों में छाए मेरे दिल में समाए,
बस होठों पे है तेरा नाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम।

संग की सखियाँ हुई तेरी ही दीवानी,
दिन रात रोती रहे आँखों से पानी,
देती सुनाई हमें मुरली सुहानी,
गीत छेड़े विरह के तमाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम।

सुध ले लो मेरी घनश्याम,
आप आए नहीं,
और खबर भी न ली,
खत लिख लिख के भेजे तमाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम।
 



बेस्ट हिन्दी भजन || सुध ले लो मेरी घनश्याम || SUDH LELO MERI GHANSHYAM || SAD HINDI KRISHNA' BHAJAN"
 
श्री कृष्ण जी को घनश्याम इसलिए कहते हैं क्योंकि उनका रंग बहुत गहरा और सुंदर था। उनके शरीर का रंग घने बादलों के समान था। इसलिए उन्हें घनश्याम कहा जाता है। श्री कृष्ण जी के जन्म के समय, देवराज इंद्र ने अमृत वर्षा की थी। उस अमृत वर्षा से देवताओं के साथ-साथ श्री कृष्ण जी के शरीर पर भी अमृत की कुछ बूंदें गिर गई थीं। इसलिए उनके शरीर का रंग अमृत के समान दीप्तिमान और सुंदर था।
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