तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करें मोहन
कृष्ण का व्यक्तित्व इतना व्यापक है कि हर कोई इसे अपने तरीके से समझता है। कुछ लोग उन्हें एक नटखट बालक के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य उन्हें एक प्रेमी, एक योगी, या एक युद्धनायक के रूप में देखते हैं। कृष्ण ने जीवन के हर पहलू को अनुभव किया, और उन्होंने इन सभी पहलुओं को अपने व्यक्तित्व में समाहित किया। कृष्ण के व्यक्तित्व के कुछ प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं: बालक कृष्ण: कृष्ण एक नटखट बालक थे जो हमेशा अपने आसपास के लोगों को हंसाते रहते थे। वे अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई के लिए भी जाने जाते थे।
तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करें मोहन
तुम्हारी याद आती है,बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
सुबह और शाम आती है,
रात भर वो रुलाती है,
चैन हमको नही आता,
चैन हमको नही आता,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
चलूँ जब वो न चलने दे,
रूकूं जब वो न रुकने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी ये और तुम इसके,
हमारी कौन चलने दे,
ये जब जाएगी तुम आओ,
ये जब जाएगी तुम आओ,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
सुबह और शाम आती है,
रात भर वो रुलाती है,
चैन हमको नही आता,
चैन हमको नही आता,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
चलूँ जब वो न चलने दे,
रूकूं जब वो न रुकने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी ये और तुम इसके,
हमारी कौन चलने दे,
ये जब जाएगी तुम आओ,
ये जब जाएगी तुम आओ,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करे मोहन।
तुम्हारी याद आती है बताओ मोहन || बेस्ट कृष्ण भजन || श्री राम गोपाल शास्त्री जी || सावरिया