परनारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

परनारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ हिंदी मीनिंग Parnari Par Sundari Meaning : Kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth / Bhavarth

परनारी पर सुंदरी, बिरला बंचै कोइ।
खातां मीठी खाँड़ सी, अंति कालि विष होइ॥

Parnari Par Sundari, Birala Banche Koi,
Khata Meethi Khand Si, Anti Kali Vish Hoi.

परनारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ हिंदी मीनिंग Parnari Par Sundari Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कबीर साहेब इस दोहे में परनारी के प्रति लगाव के दुष्प्रभाव के विषय में बताते हुए कहते हैं की पराई स्त्री और पराई सुंदरियों से कोई बिरला ही बच पाता है। इनके प्रभाव से कोई बिरला ही बच पाता है। यह खाने के समय तो मीठी खांड जैसी लगती है लेकिन अपने आखिरी परिणाम में यह विष के समान हो जाती है। आशय है की परनारी स्त्री गमन को कबीर साहेब ने विष के समान हानिकारक बताया है। इस दोहे में कबीर साहेब पराई स्त्री की सुंदरता के प्रति मोह का खंडन करते हैं। वे कहते हैं कि पराई स्त्री की सुंदरता बहुत ही आकर्षक होती है, लेकिन यह अंततः हानिकारक होती है। कबीर साहेब कहते हैं कि पराई स्त्री की सुंदरता शुरू में तो मीठी लगती है, लेकिन अंत में यह विष जैसी हो जाती है। इसका अर्थ है कि पराई स्त्री की सुंदरता मनुष्य को मोहित कर देती है और वह उसके साथ अनैतिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित हो जाता है। यह संबंध न तो स्थायी होता है और न ही सुखद। इसके परिणामस्वरूप मनुष्य को अपमान, दुख और पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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