या सौतन भंगिया ने बहना मेरे बलम

या सौतन भंगिया ने बहना मेरे बलम बहकाए

या सौतन भंगिया ने बहना,
मेरे बलम बहकाए,
मैंने देखे ना बाग बगीचे,
हां बाग बगीचे,
याने जंगल घूमाऐ,
प्यारे बलम बहकाए।

मैंने कभी बनाई ना रोटी,
बनाई ना रोटी,
याने घोटा लगबाए,
प्यारे बलम बहकाए।

मैं तो थी महलों की रानी,
महलों की रानी,
या के कुटिया भी ना पाए,
प्यारे बलम बहकाए।

मैं तो सोती थी गद्दा पर,
सोती थी पलका पर,
याकै खटिया भी ना पाए,
प्यारे बलम बहकाए।

पीते थे भांग के प्याले,
भर भर के प्यार,
फिर नशा चढ़ जाए,
प्यारे बलम बहकाए।

दिल तो लगा है तुमसे,
लगा भूले तुमसे,
अब सहा भी ना जाए,
प्यारे बलम बहकाए।
 


Next Post Previous Post