कहा कियौ हम आइ करि कहा कहैंगे जाइ हिंदी मीनिंग
कहा कियौ हम आइ करि, कहा कहैंगे जाइ।
इत के भये न उत के, चाले मूल गंवाइ॥
Kaha Kiyo Hum Aai Kari, Kaha Kahenge Jaai,
It Ke Bhaye Na Ut Ke, Chale Mool Gavaai.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ)
व्यक्ति कहाँ से आया है, उसका उद्देश्य क्या है और वह कहाँ को लौट जाना है. साहेब कहते हैं की मानव जीवन का मूल उद्देश्य तो इश्वर के नाम का सुमिरन करना, लोगों की भलाई करना और मोक्ष की प्राप्ति करना था लेकिन इस संसार में जन्म लेकर वह भटक जाता है. वह माया जनित कार्यों में लग जाता है. माया को एकत्रित करना, मान सम्मान के लिए कार्य करना आदि में वह लिप्त हो जाता है और भक्ति से विमुख हो जाता है.
ऐसे में साहेब कहते हैं की ऐसा व्यक्ति अज्ञानता के कारण अपने मूल (मानव जीवन) को ही गँवा कर एक रोज खाली हाथ चल देता है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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