किरपा बरस रही जी लिरिक्स Kripa Baras Rahi Ji Lyrics
खम्मा खम्मा,घणी खम्मा,
देशाणा री राय,
सेवक थारी शरण में आया,
सुणज्यो म्हारी माय।
देशनोक दरबार,
बैठी मायड़ मेहदुलार,
करनल सांची है सरकार,
किरपा बरस रही जी,
कोई बरस रही।
जद जद अ नवराता आवै,
मन में हरख जगावै जी,
सब तीर्थां सिरमौर देशाणो,
सुरगां सो सज आवै जी,
आवै भगत अपार,
मंशा पूरै मेहदुलार,
भरदे भगतां रै भंडार,
किरपा बरस रही जी।
लाल धजा ले हाथ,
संग संग मैं भी,
पालो आऊं जी,
जय जय करणी चलूं बोलतो,
मीठी चिरजा गाऊं जी,
पहूंचू थारै द्वार,
मैया ले अपणो परिवार,
रहिज्यो मात सदा रखवार,
किरपा बरस रही जी।
सातम रै दिन मात आपरो,
जन्मदिवस शुभ आवै जी,
सुंदर थारी मात पालकी,
पोता आज सजावै जी,
तेमड़लै मढ़ जाय,
झांकी भगतां रै मन भाय,
आभै पोता रंग उड़ाय,
किरपा बरस रही जी।
शरणागत नै सोरा राखण,
आप जगत में नामी जी,
मैं हूं राज आपरै शरणै,
गिणो म्हारी मत खामी जी,
भोलो थारो बाल,
मैया लिज्यो आप संभाल,
दीज्यो दुखड़ा म्हारा टाल,
किरपा बरस रही जी।
चरणां री भोलाय चाकरी,
हाथ हेत रो धरज्यो मां,
मैं तो बैठ्यो आप भरोसै,
काज थे ही सब करज्यो मां,
प्रांजल अरज लगाय,
अम्बा गुण थारा नित गाय,
मैया करज्यो सुत री साय,
किरपा बरस रही जी।