माँ महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ ऐसा कह दिया जिससे देवी के मन का आहत हो गया और वे तपस्या में लीन हो गईं। कई वर्षों तक तपस्या करने के बाद, जब पार्वती जी नहीं आईं, तो भगवान शिव उन्हें खोजने के लिए गए। जब वे उनके पास पहुंचे, तो वे उनकी सुंदरता और पवित्रता से मंत्रमुग्ध हो गए। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओजपूर्ण था, और उनकी छटा चांदनी के समान श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई दे रही थी। भगवान शिव पार्वती जी की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें गौर वर्ण का वरदान दिया। पार्वती जी का रंग सफेद हो गया, और उन्हें महागौरी के नाम से जाना जाने लगा।
दुर्गा अष्टमी स्पेशल : माँ महागौरी की आरती Maa Mahagauri Aarti with Lyrics | ऐसे करें माँ को प्रसन्न
"महागौरी दया कीजे" भजन का अर्थ यह भजन देवी महागौरी की स्तुति करता है, जो नवरात्रि की आठवीं देवी हैं। भजन में, भक्त देवी से अपनी कृपा करने की प्रार्थना करते हैं। वे देवी की शक्ति, सौंदर्य और दयालुता की भी स्तुति करते हैं।