नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने /जागृत के फायदे Navratri Akhand Jot Jalane Ke Hain Kai Fayde
हिंदू धर्म में नवरात्रि का अधिक महत्व है। नवरात्रि में माता रानी की 9 दिनों तक अखंड ज्योत जलाने का पवित्र विधान है जो की अत्यंत ही पावन होने के साथ ही नवरात्रि में माता रानी जी पूजा का एक महत्पूर्ण हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योत जलाने से परिवार में प्रसन्नता एवं उल्लास का माहौल बनता है तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, माता रानी की कृपा प्राप्त होती है, माता रानी समस्त कष्ट दूर करती हैं। अखंड ज्योत का लगातार 9 दिनों तक जागृत रहने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। नौ दिनों तक अखंड ज्योत को बहुत ही ध्यान से जलाना चाहिए। अगर नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलती रहे तो यह सौभाग्य वृद्धि और संपन्नता की प्राप्ति होती है.
नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने के फायदे
- नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने से घर से नकारात्मकता दूर होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, सोभाग्य की प्राप्ति होती है.
- अखंड ज्योत जलाने से परिवार में उन्नति और सम्पन्नता आती है, और तमाम पाप दूर होते हैं.
- कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न होता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं, सफलताओं के मार्ग खुलते हैं.
- अखंड ज्योत जलाने से घर में खुशहाली आती है, माता रानी की कृपा प्राप्त होती है.
धन और समृद्धि का होता है वास
अखंड ज्योति जलाने से धन और समृद्धि का वास होता है। धार्मिक मान्यता है कि अखंड ज्योति आदिशक्ति का प्रतीक है, जो सभी सृष्टि की सृजनकर्ता हैं। अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की आराधना की जाती है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। अखंड ज्योति जलाने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
अखंड ज्योत जलाते समय ध्यान देने योग्य बातें
अखंड ज्योत को जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर आप उससे होने वाले दुष्परिणामों से बच सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योत का लगातार जलना बहुत जरूरी होता है। अखंड ज्योत का बुझना है अमंगलकारी माना जाता है। तो आईए जान लेते हैं अखंड ज्योत को जलाते समय ध्यान देने योग्य बातें:
- अखंड ज्योत जलाने के लिए दीपक को अनाज की ढेरी के ऊपर रखना चाहिए।
- अखंड ज्योत को गाय के घी से जलाना चाहिए।
- अखंड ज्योत के ऊपर आप कांच का गोला भी रख सकते हैं जिससे ज्योत लगातार जलती रहेगी।
- अखंड ज्योत की बाती को अच्छे से बनाएं, जिससे वह लगातार जलती रहे।
- अखंड ज्योत का समय पूर्ण होने पर उसे स्वाभाविक रूप से जलने दे।
दीपक प्रज्वलित करते समय इस पावन मंत्र का पाठ करें:
शुभं करोति कल्याणम्,
आरोग्यम् धनसंपदा,
शत्रुबुद्धिविनाशाय,
दीपकाय नमोऽस्तु ते।
ऐसे जलाना चाहिए अखंड ज्योति
अखंड ज्योति को कच्चे सूत के धागे से बनी बत्ती और देशी घी या फिर तिल के तेल से जलाना चाहिए। हालांकि अखंड ज्योति के लिए गाय का घी ही सबसे शुद्ध और अच्छा माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मिट्टी के दीये में इस ज्योति को जलाना चाहिए। इस अखंड ज्योति 9 दिनों तक न बुझे इसका भी ख्याल रखना चाहिए।
अखंड ज्योति जलाने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले, एक मिट्टी का दीया लें और उसमें थोड़ा सा घी या तेल डालें।
- फिर, एक कच्चे सूत के धागे से बनी बत्ती लें और उसमें घी या तेल लगाएं।
- अब, बत्ती को दीये में रखें और उसे जलाएं।
अखंड ज्योति को बुझने से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
- दीपक को हवा से बचाकर रखें।
- दीपक में पर्याप्त घी या तेल डालें।
- दीपक को नियमित रूप से देखें और यदि आवश्यक हो तो बाती बदल दें।
अखंड ज्योति का महत्व
अखंड ज्योति को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। यह माना जाता है कि अखंड ज्योति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वास्तु दोष दूर होते हैं। अखंड ज्योति जलाने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। अखंड ज्योति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
अखंड ज्योत का दिया (दीपक/diya) बुझ जाये तो क्या करे?
अगर अखंड ज्योति बीच में बुझ जाए तो निम्नलिखित उपाय करें:
- सबसे पहले, ज्योति बुझने के लिए माता रानी से क्षमा याचना करें।
- इसके उपरान्त दीपक को साफ करें और उसमें नई बाती और घी डालें।
- यदि पास में कोई छोटा दिया हो तो उसे जला लें और फिर दीपक में नई बाती और घी डालकर अखंड ज्योति प्रज्जवलित करें।
- इसके बाद छोटे दिया को बुझने के बाद उसे हटा लें।
अखंड ज्योति जलाने के धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टिकोण से अखंड ज्योति जलाने से घर पर सुख-समृद्धि का वास होता है। दीपक की रोशनी में सकारात्मकता होती है, जिससे दरिद्रता दूर होती है। अखंड ज्योति को हिंदू धर्म में भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि अखंड ज्योति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
अखंड ज्योत क्यों जलाई जाती है?
क्यों जलाई जाती है Akhand Jyoti'
मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति: नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना की जाती है। अखंड ज्योति जलाने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है, जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार: अखंड ज्योति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
वास्तु दोष दूर होते हैं: अखंड ज्योति जलाने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
मन की शांति: अखंड ज्योति को देखने से मन को शांति मिलती है। इससे चिंता और तनाव दूर होते हैं।
अखंड ज्योति जलाते वक्त सावधानियां
अखंड ज्योति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अखंड ज्योति का अर्थ है जो कभी न बुझने वाली ज्योति। अखंड ज्योति को पूजा स्थल में जलाया जाता है। मान्यता है कि अखंड ज्योति जलाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। अखंड ज्योति जलाने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
जला रहें हैं अखंड ज्योति तो बरतें ये सावधानी
- अखंड ज्योति जलाने से पहले श्रीगणेश, भगवान शिव और मां दुर्गा का ध्यान जरूर करें। इससे पूजा शुभ और सफल होती है।
- ज्योति जलाने के बाद ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते’ मंत्र का जाप करें। यह मंत्र मां दुर्गा की आराधना का मंत्र है।
- जब भी अखंड ज्योति जलाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि घी से जलाई अखंड ज्योति को दाईं ओर और तेल से जलाई अखंड ज्योति को बाईं ओर रखें।
- अगर किसी अनुष्ठान या संकल्प के लिए अखंड ज्योति जलाई है तो इसकी समाप्ति तक ज्योति को बुझने नहीं दें।
- कभी भी अखंड ज्योति जलाकर उसे अकेला नहीं छोड़े। एक व्यक्ति सदैव उसकी देखभाल के लिए मौजूद रहे।
- ज्योति जलाने के बाद घर को कभी बंद ना करें और ना ही ताला लगाएं।
- अखंड ज्योति में दीपक की लौ इतनी जले कि आस पास उसकी लौ की ताप महसूस हो।
- इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति बुझनी नहीं चाहिए। उसमें पर्याप्त मात्रा में घी या तेल डालते रहे।
- जिस स्थान पर अखंड ज्योति जला रहें हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं हो।
- हवा से बचने के लिए अखंड ज्योति को कांच के गोले में रखें। जिससे वो निरंतर जलती रहे।
- संकल्प पूरा होने के बाद यदि अखंड ज्योति जल रही है तो उसे कभी भी फूंक मार कर न बुझाएं, उसे प्रज्वलित रहने दें।