सती डिगै तो नीच घर सूर डिगै तो क्रूर हिंदी मीनिंग Sati Deege to Neech Ghar Meaning

सती डिगै तो नीच घर सूर डिगै तो क्रूर हिंदी मीनिंग Sati Deege to Neech Ghar Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

सती डिगै तो नीच घर, सूर डिगै तो क्रूर |
साधु डिगै तो सिखर ते, गिरिमय चकनाचूर ||
 
Sati Deege To Neech Ghar, Soor Dige to Krur,
Sadhu Dige to Sikhar Te, Girimay Chakanachoor.
 
सती डिगै तो नीच घर सूर डिगै तो क्रूर हिंदी मीनिंग Sati Deege to Neech Ghar Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब ने साधू की तुलना सती, शूरवीर आदि से की है. वे कहते हैं की सती अपने पथ से यदि विमुख हो जाए तो वह तो नीच आचरण वालो के घर में जाती है, शूरवीर यदि अपने गुणों से विमुख हो जाते तो वह क्रूर आचरण करता है और इसी तरह से यदि साधुता/भक्ति के शिखर से साधु गिरेगा तो गिरकर चकनाचूर / नष्ट हो जाता है. इस दोहे में, कबीर दास जी ने सती, शूरवीर और साधु के गिरने के परिणामों की बात की है। वे कहते हैं कि अगर कोई अपने कर्म से / आदर्श से विमुख होते हैं तो दुर्गति को प्राप्त करते हैं.

इस दोहे में, "सती" का अर्थ है पतिव्रता स्त्री। "सूरा" का अर्थ है वीर पुरुष। "साधु" का अर्थ है धर्मपरायण व्यक्ति से है। कबीर दास जी कहते हैं कि अगर कोई सती अपने आदर्शों से गिरती है तो वह नीच लोगों के साथ रहने लगती है, उसकी पवित्रता समाप्त होने लगती है। कबीर दास जी कहते हैं कि अगर कोई शूरवीर अपने आदर्शों से गिरता है तो वह क्रूर हो जाता है, वह अपने वीरता के गुणों से भ्रष्ट हो जाता है.
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