शारदीय नवरात्रि घटस्थापना और मुहूर्त Sharadhiy Navratri Ghatsthapana

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना और मुहूर्त Sharadhiy Navratri Ghatsthapana

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही आस्था से मनाया जाता है। हिंदू नवरात्रि के उपवास बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से करते हैं। नवरात्रि के उपवास के समय प्रथम नवरात्रि को पूजा के समय घट स्थापना की जाती है। घटस्थापना शुभ मुहूर्त के अनुसार की जाती है।

आज हम जानेंगे कि शारदीय नवरात्रि 2023 की घट स्थापना का मुहूर्त कब है:

शारदीय नवरात्रि 2023 का घट स्थापना का मुहूर्त 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11:44 से दोपहर 12:30 तक रहेगा। यह अभिजीत मुहूर्त है। मुहूर्त में घट स्थापना करना शुभ फल प्रदान करता है।
इसके अलावा शारदीय नवरात्रि 2023 की प्रथम तिथि अर्थात प्रथम नवरात्रि 15 अक्टूबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:30 से 08:47 तक है। प्रथम नवरात्रि को मां शैलपुत्री का आवाहन करके पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मत्रों का उच्चारण किया जाता है तथा दुर्गा मां का आवाहन किया जाता है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है तथा दशमी तिथि को माता की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
 
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना और मुहूर्त Sharadhiy Navratri Ghatsthapana
 

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना

सबसे बड़ा त्यौहार शारदीय नवरात्रि बस आने ही वाला है। यह त्योहार मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक चलता है, और इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं। इस दौरान लोग मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर उनसे सुख, समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।

शारदीय नवरात्रि का त्योहार भारत के अलावा दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है। भारत में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान लोग मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनके लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा, इस दौरान लोग व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करते हैं। शारदीय नवरात्रि का त्योहार एक ऐसा अवसर है जब लोग मां दुर्गा की आराधना कर उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एकजुट करता है और उन्हें मां दुर्गा की शक्ति और दया का अनुभव कराता है।

शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त

  • घट स्थापना का शुभ मुहूर्त: 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक
  • नवरात्रि का समापन: 23 अक्टूबर 2023

इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होगी और 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान आप अपनी सुविधानुसार घट स्थापना कर सकते हैं। नवरात्रि का समापन दशहरा के दिन होता है। इस साल दशहरा 24 अक्टूबर 2023 को है। शारदीय नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान लोग मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक चलता है, और इस दौरान लोग मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करते हैं।
 

कब करें घटस्थापना

शारदीय नवरात्रि में प्रथम दिन घट स्थापना यानी कलश की स्थापना की जाती है। इस दिन कलश में जल, गंगाजल, अक्षत, सुपारी, चंदन, मौली, हल्दी, कुमकुम, जौ, चावल, नारियल, मिठाई, फूल, और धूप-दीप आदि डालकर घर में स्थापित किया जाता है। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा की जाती है।

ऐसा कहा जाता है कि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त देख कर किया जाता है नहीं तो मां नाराज हो जाती हैं। इसलिए, घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त देखना बहुत ही जरूरी है। घट स्थापना के बाद पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योति मां दुर्गा की कृपा का प्रतीक है।
 

घटस्थापना शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी 15 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह प्रातः 06 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और प्रातः 08 बजकर 47 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस दौरान आप अपनी सुविधानुसार घट स्थापना कर सकते हैं।

इसके साथ ही एक और शुभ मुहूर्त बन रहा है जिसे अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है। इसका शुभ समय 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रहा है और दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो रहा है। अभिजीत मुहूर्त एक ऐसा मुहूर्त होता है जो दिन के मध्य में आता है। इस मुहूर्त में शुभ कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त देखना बहुत ही जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। घट स्थापना के बाद पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योति मां दुर्गा की कृपा का प्रतीक है।
 

ऐसे करें माता रानी के कलश स्थापना

  • नवरात्रि के पहले दिन सुबह स्नान कर लें और साफ कपड़ा पहन लें।
  • अपने घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें।
  • सबसे पहले भगवान श्री गणेश की पूजा करें।
  • फिर मां दुर्गा का ध्यान करें और अखंड ज्योत जलाएं।
  • कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र लें और उसमें मिट्टी डालकर जौ के बीज बोएं।
  • दूसरे तरफ एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और लोटे के ऊपर मौली बांधें।
  • लोटे में पानी भरकर उसमें गंगाजल मिलाएं।
  • उस लोटे में सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालकर कलश में आम के पांच पत्ते लगाएं।
  • एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े से लपेट कर मौली बांध दें।
  • उस नारियल को कलश के ऊपर रख दें।
  • अब कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र में बीचो बीच रख दें।
  • नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
कलश स्थापना करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
  • कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त देखना चाहिए।
  • कलश को पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
  • कलश में जौ के बीज बोने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
  • कलश में आम के पत्ते लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
  • कलश में नारियल रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • कलश स्थापना के बाद पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योति मां दुर्गा की कृपा का प्रतीक है।

नवरात्री पूजा विधि

नवरात्रि में हर दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और पूजा स्थान को साफ करके शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और उन्हें अक्षत, सिंदूर, और लाल पुष्प चढ़ाना चाहिए। मां को प्रसाद के रूप में फल और मिठाई बनाकर भोग लगाना चाहिए। मां दुर्गा को दीपक प्रज्वल्लित करके दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए और अंत में मां दुर्गा की आरती करना चाहिए।

नवरात्रि में पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
पूजा का स्थान साफ और शुद्ध होना चाहिए।
पूजा के समय मन को शांत और केंद्रित रखना चाहिए।
मां दुर्गा को पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
मां दुर्गा की आरती के बाद ही प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।

नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान लोग मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक चलता है, और इस दौरान लोग मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करते हैं।
 

इस दिन मां की इन रूपों की पूजा

2023 में शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक चलेगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी।

  1. 15 अक्टूबर, प्रतिपदा तिथि: मां शैलपुत्री की पूजा
  2. 16 अक्टूबर, द्वितीया तिथि: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  3. 17 अक्टूबर, तृतीया तिथि: मां चंद्रघंटा की पूजा
  4. 18 अक्टूबर, चतुर्थी तिथि: मां कुष्मांडा की पूजा
  5. 19 अक्टूबर, पंचमी तिथि: मां स्कंदमाता की पूजा
  6. 20 अक्टूबर, षष्ठी तिथि: मां कात्यायनी की पूजा
  7. 21 अक्टूबर, सप्तमी तिथि: मां कालरात्रि की पूजा
  8. 22 अक्टूबर, अष्टमी तिथि: मां महागौरी की पूजा
  9. 23 अक्टूबर, नवमी तिथि: महानवमी का दिन, व्रत का पारण
  10. 24 अक्टूबर, दशमी तिथि: विजयदशमी का दिन, मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। मां दुर्गा सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

एक टिप्पणी भेजें