गजब हवेली दादा की लिरिक्स
यो हवेली गजब दरबार गजब,
दादा ने घणा कमाल किया,
इस धोले घोड़े वाले ने,
पालम ए चिमटा गाड़ दिया।
दादा देव की महिमा भारी,
बारह गांव बतावें सै,
कोई लावे है गुड़ कि भेली,
चादर कोई चढावे सै,
खुले भंडारे जीमे सारे,
दादा से नाता जोड़ लिया।
रौनक सालों साल रहे,
और मेला भरे दशहरे पे,
दर्शन करके दादा देव के,
खुशी घणी रहे चेहरे पे,
रोते आवे हंसते जावे,
यहां देसी घी का जले दिया।
दादा के धुने की लगा भभूति,
भक्त सभी सुख पावे सै,
भूलन और हरीश मगन मिल,
दादा के गुण गावे सै,
दादा झोली भर दे,
किरपा कर दे,
संकट मे रहे ना,
किसी का जिया।
यो हवेली गजब दरबार गजब,
दादा ने घणा कमाल किया,
इस धोले घोड़े वाले ने,
पालम ए चिमटा गाड़ दिया।
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