मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
बागों बागों मैं फिरी,
मुझे कहीं ना मिले भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
बेटी बागों फिरे से ना मिले,
तेरे हृदय में भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
बाबा तालों तालों मैं फिरी,
मुझे कहीं ना मिले भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
बेटी तालों फिरे से ना मिले,
तेरे हृदय में भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
बाबा महलों महलों मैं फिरी,
मुझे कहीं ना मिले भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
बेटी महलों फिरे से ना मिले,
तेरे हृदय में भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
बाबा मंदिर मंदिर मैं फिरी,
बाबा सत्संग सत्संग मैं फिरी,
मुझे कहीं ना मिले भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
बेटी मंदिर घूमे से ना मिले,
तेरे हृदय में भगवान,
मैं सतगुरु की लाडली,
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात,
मैं सतगुरु की लाडली।
कार्तिक मास भजन :-मेरे सिर पर चुनरी ज्ञान की,चाहे दिन ओढ़ु या रात |बहुत ही सुन्दर सतगुरु भजन #kartik