साधो भाई सत्संग उत्तम गंगा लिरिक्स Sadho Bhai Satsang Uttma Lyrics
साधो भाई सत्संग उत्तम गंगा लिरिक्स Sadho Bhai Satsang Uttma Lyrics
साधो भाई,
सत्संग उत्तम गंगा,
पाप ताप संताप मिटावे,
झण्डा लहरावे तिरंगा।
सत्संग तो संता की कोर्ट,
चले ज्ञान प्रसंगा,
सतगुरु दाता वकील बन,
आवे मिट जावे सब दंगा।
लख चौरासी की काटे फांसी,
फैसला देवे सही सलंगा,
शिष्य होवे उत्तम अधिकारी,
रेवे सतगुरु के संगा।
सत्संग महिमा कहाँ तक गाऊं,
भार लिया थके भुजंगा,
नारद शारद वेद सब गावे,
कोई बिरला संन्त पुंगा।
गोकुल स्वामी सतगुरु दाता,
दर्शन आपका मूंगा,
लादूदास चरण शरण में,
आज्ञाकारी रहूंगा।
सत्संग उत्तम गंगा,
पाप ताप संताप मिटावे,
झण्डा लहरावे तिरंगा।
सत्संग तो संता की कोर्ट,
चले ज्ञान प्रसंगा,
सतगुरु दाता वकील बन,
आवे मिट जावे सब दंगा।
लख चौरासी की काटे फांसी,
फैसला देवे सही सलंगा,
शिष्य होवे उत्तम अधिकारी,
रेवे सतगुरु के संगा।
सत्संग महिमा कहाँ तक गाऊं,
भार लिया थके भुजंगा,
नारद शारद वेद सब गावे,
कोई बिरला संन्त पुंगा।
गोकुल स्वामी सतगुरु दाता,
दर्शन आपका मूंगा,
लादूदास चरण शरण में,
आज्ञाकारी रहूंगा।