संतोषी मा की आरती | जय सन्तोषी माता | Santoshi Mata Aarti with Lyrics | Shemaroo Bhakti
माता संतोषी हिंदू धर्म में संतोष की देवी हैं। उन्हें माता लक्ष्मी की बहन के रूप में भी जाना जाता है। माता संतोषी को संतोष की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अपने भक्तों को संतोष का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माता संतोषी की पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह पूजा आमतौर पर शुक्रवार के दिन की जाती है।
संतोषी माता सनातन धर्म की एक लोकप्रिय देवी हैं। उन्हें संतोष की देवी कहा जाता है। संतोषी माता को गणेश जी की पुत्री माना जाता है। उनकी जन्म कथा के अनुसार, एक दिन गणेश जी अपनी बुआ से रक्षासूत्र बंधवा रहे थे। इस दौरान उनके पुत्र शुभ और लाभ ने रक्षासूत्र के बारे में पूछा। गणेश जी ने बताया कि यह एक सुरक्षा कवच है जो आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। शुभ और लाभ ने कहा कि उन्हें भी एक बहन चाहिए। गणेश जी ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और अपनी दोनों पत्नियों की आत्मशक्ति को इसमें मिला दिया। इस ज्योति ने कन्या का रूप धारण किया और उनका नाम संतोषी रखा गया। संतोषी माता की पूजा शुक्रवार के दिन की जाती है। पूजा करने के लिए सबसे पहले घर की साफ-सफाई करनी चाहिए।
इसके बाद एक चौकी पर संतोषी माता की तस्वीर या प्रतिमा रखें। तस्वीर या प्रतिमा के सामने एक घी का दीपक जलाएं। इसके बाद संतोषी माता की आरती करें। आरती के बाद संतोषी माता को खीर और गुड़चने का प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद चढ़ाने के बाद संतोषी माता से अपनी मनोकामनाएं मांगें। पूजा के अंत में संतोषी माता की आरती करें।