ल्याया थारी चुनड़ी करियो माँ स्वीकार भजन

ल्याया थारी चुनड़ी करियो माँ स्वीकार भजन

(मुखड़ा)
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार,
इमें साँचा साँचा हीरा,
इमें साँचा साँचा हीरा,
और मोतियां की भरमार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।

(अंतरा)
चुनरी को रंग लाल चटक है,
तारा भी चिपकाया माँ,
बढ़िया पोत मंगाया जामे,
गोटा भी लगवाया माँ,
थे तो ओढ़ दिखाओ मैया,
थारो मानूंगा उपकार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।

बस इतनी सी कृपा कर द्यो,
सेवा में लग जावा माँ,
म्हाने तो इ लायक कर द्यो,
चुनरी रोज चढ़ावा माँ,
बस टाबरिया पर बरसे,
माँ हरदम थारो प्यार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।

एक हाथ से भक्ति दीजो,
एक हाथ से शक्ति माँ,
एक हाथ से धन-दौलत और,
एक हाथ से मुक्ति माँ,
थे तो हर हाथा से दीजो,
माँ थारा हाथ हजार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।

गर थे थारो बेटो समझो,
सेवा बताती रहिजो माँ,
बनवारी गर लायक समझो,
काम उड़ाती रहिजो माँ,
थारो अमरचंद बैठ्यो है,
थारी सेवा में तैयार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार,
इमें साँचा साँचा हीरा,
इमें साँचा साँचा हीरा,
और मोतियां की भरमार।
ल्याया थारी चुनरी,
करियो माँ स्वीकार।।
 

Laya Thari Chunari--Sachiyamata Song By Raju Mehra.mp4
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