जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
जननी जन्मभूमि,
स्वर्ग से महान है,
जिसके वास्ते ये तन है,
मन है और प्राण है।
इसके कण कण में,
लिखा रामकृष्ण नाम है,
हुतात्माओं के रुधिर से,
भूमि शस्य श्याम है,
धर्म का ये धाम है,
सदा इसे प्रणाम है,
स्वतंत्र है यह धरा,
स्वतंत्र आसमान है,
जननी जन्मभूमि,
स्वर्ग से महान है।
इसकी आन पे अगर,
जो बात कोई आ पड़े,
इसके सामने जो जुल्म के,
पहाड़ हो खड़े,
शत्रु सब जहान हो,
विरुद्ध आसमान हो,
मुकाबला करेंगे जब तक,
जान में ये जान है,
जननी जन्मभूमि,
स्वर्ग से महान है।
इसकी गोद में हजारों,
गंगा यमुना झूमती,
इसके पर्वतों की चोटियां,
गगन को चूमती,
भूमि ये महान है,
निराली इसकी शान है,
इसकी जयपताका पर,
लिखा विजय निशान है।
जननी जन्मभूमि,
स्वर्ग से महान है,
जिसके वास्ते ये तन है,
मन है और प्राण है।
जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है||Janani janmabhoomi swarg se mahan hai||संघ गीत ||