किस विधि वंदन करू तिहारो लिरिक्स/महेश वंदना
किस विधि वंदन करू तिहारो,
ओढरदानी त्रिपुरारी,
किस विधि वंदन करू तिहारो,
ओढरदानी त्रिपुरारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
नयन तीन उपवीत भुजंगा,
शशि ललाट सोहे सिर गंगा,
मुंड माल गल बिच विराजत,
महिमा है भारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
कर में डमरू त्रिशुल तिहारे,
कटी में हर बाघंबर धारे,
उमा सहित हीम शैल विराजत,
शोभा है न्यारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
पल में प्रभु तुम प्रलयंकर,
पर प्रभो सदय उभयंकर,
ऋषी मुनि भेद न पाये तिहारो,
हम तो है संसारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
अगम निगम तब भेद न जाने,
ब्रम्हा विष्णु सदा शिव माने,
देवो के ओ महादेव अब,
रक्षा करो हमारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
किस विधि वंदन करू तिहारो,
ओढरदानी त्रिपुरारी,
बलिहारी बलिहारी,
जय महेश बलिहारी।
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