नमस्कार देवी शिवे कल्याणी भजन
जया किशोरी का जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था। बचपन से ही उन्हें भगवान कृष्ण की भक्ति रही हैं। सात साल की उम्र में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा सुनना और कंठस्थ करना शुरू कर दिया। जया किशोरी का मानना है कि भाग्य ही सब कुछ तय करता है। इसलिए, हमें अपने भाग्य पर भरोसा करना चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। जया किशोरी का उद्देश्य लोगों को जीवन में सही मार्ग चुनने में मदद करना है। वह लोगों को आत्मविश्वास और सकारात्मकता से भर देना चाहती हैं। वह लोगों को एक सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।
नमस्कार देवी शिवे कल्याणी,
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी।
जिधर देखते है उधर तू ही तू है,
हर शै में जलवा तेरा हूबहू है,
तेरी जुस्त जू है तेरी गुफ्तगू है,
तू घट घट बसै तेरी लीला लासानी,
नमस्कार देवी शिवे कल्याणी,
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी।
तू ही शैलपुत्री तू ही दक्षबाला,
तू ही वैष्णो कालका चण्डी ज्वाला,
उमा रमा सरस्वती जग की पाला,
तू ही देव दानव करे नजरानी,
नमस्कार देवी शिवे कल्याणी,
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी।
तेरी रहीमतों का नहीं है ठिकाना,
है दीदार तेरा दया का खजाना,
तेरे खजाने से लेता है जमाना,
तेरी बख्शिशों की बड़ी मेहरबानी,
नमस्कार देवी शिवे कल्याणी,
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी।
नही जानते है तेरी कुछ भी माया,
बने है वही हम जो तूने बनाया,
तेरी कृपा से है जीवन यह पाया,
मधुप की भव बाधा हरो महारानी,
नमस्कार देवी शिवे कल्याणी,
दो भक्ति का वरदान दुर्गे भवानी।
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