ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला शिव भजन
शंभू शंभू शंभू भोले,
शंभू शंभू शंभू भोले,
ऊंचे ऊंचे पर्वतों पर,
रहते हैं मेरे भोले शंभू,
सृपों की माला गले में है रखते,
मेरे भोले शंभू,
ये दुनिया है झूठी,
और झूठा झमेला,
मेरे शिव ही तो सत्य है,
जिनके हाथों में खेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला।
जटाधराय जटाधराय,
जटाधराय जटाधराय।
भूत भी संग चले,
भोले बाबा के रंग में ढले,
हाथों में भंगिया है,
घोटन को नंदिया है,
ओ जब चढ़ती है भंग,
भोले होते मलंग,
तांडव करते अकेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
शंभू शंभू शंभू भोले,
शंभू शंभू शंभू भोले।
भोले तू भोला है,
बाघंबर सोहे चोला है,
पर्वत का निवासी तू,
बाजत डमरू ढोला है।
भोले बसते केदार,
जटा में बहती गंगाधार,
देवों में देव आता पहला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला।
शंभू शंभू शंभू भोले,
ऊंचे ऊंचे पर्वतों पर,
रहते हैं मेरे भोले शंभू,
सृपों की माला गले में है रखते,
मेरे भोले शंभू,
ये दुनिया है झूठी,
और झूठा झमेला,
मेरे शिव ही तो सत्य है,
जिनके हाथों में खेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला।
जटाधराय जटाधराय,
जटाधराय जटाधराय।
भूत भी संग चले,
भोले बाबा के रंग में ढले,
हाथों में भंगिया है,
घोटन को नंदिया है,
ओ जब चढ़ती है भंग,
भोले होते मलंग,
तांडव करते अकेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
शंभू शंभू शंभू भोले,
शंभू शंभू शंभू भोले।
भोले तू भोला है,
बाघंबर सोहे चोला है,
पर्वत का निवासी तू,
बाजत डमरू ढोला है।
भोले बसते केदार,
जटा में बहती गंगाधार,
देवों में देव आता पहला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला,
ओ मेरे भोले बाबा मैं हूं तेरा चेला।
Shambhu | Ricky Sharma | Shiv ji Song | Mahadev song | offical Music Video | Loop Beats Bhakti
Shiv Bhajan: Hey Shambhu Baba Mere Bhole Naath
Movie Name: Shiv Mahima
Singer: Hariharan
Music Director: DILIP SEN-SAMEER SEN
Lyricist: Shyam Raj
Artists: Gulshan Kumar, Gajendra Chauhan, Reshma Singh
Movie Name: Shiv Mahima
Singer: Hariharan
Music Director: DILIP SEN-SAMEER SEN
Lyricist: Shyam Raj
Artists: Gulshan Kumar, Gajendra Chauhan, Reshma Singh
भोलेनाथ का नाम लेते ही मन में ऐसी मस्ती छा जाती है, जैसे सारी दुनिया की फिक्र हवा हो जाए। ऊंचे पर्वतों पर सर्पों की माला पहने, वो अपने भक्तों का हर पल ख्याल रखते हैं। ये संसार झूठा है, इसका झमेला झूठा, पर भोले का सत्य अटल है, जैसे कोई चट्टान तूफानों में भी डटी रहे।
उनके रंग में रंगने वाला भक्त, चाहे भूत हो या इंसान, सब उनके साथ मस्त हो जाता है। भांग का रंग चढ़े, तो भोले तांडव में खो जाते हैं, जैसे कोई मलंग अपनी धुन में झूम उठे। डमरू की थाप और नंदी का साथ, ये सब उनकी लीलाओं का जादू है।
भोले का भोला स्वरूप, बाघंबर चोला, और केदार में बसने वाली उनकी महिमा मन को मोह लेती है। जटाओं में गंगा को धारण करने वाले, देवों में सबसे पहले, वो हर भक्त के दिल में बसते हैं। जैसे कोई नदी सदा बहती रहे, वैसे ही उनकी कृपा सदा बरसती है।
जीवन का सच यही है कि भोलेनाथ की शरण में हर दुख छोटा पड़ जाता है। उनका चेला बनकर, उनके नाम में डूबकर, मन को वो सुकून मिलता है, जैसे कोई थका पथिक ठंडी छांव में सांस ले। बस "शंभू शंभू" बोलो, और सारा संसार मंगलमय हो जाता है।
उनके रंग में रंगने वाला भक्त, चाहे भूत हो या इंसान, सब उनके साथ मस्त हो जाता है। भांग का रंग चढ़े, तो भोले तांडव में खो जाते हैं, जैसे कोई मलंग अपनी धुन में झूम उठे। डमरू की थाप और नंदी का साथ, ये सब उनकी लीलाओं का जादू है।
भोले का भोला स्वरूप, बाघंबर चोला, और केदार में बसने वाली उनकी महिमा मन को मोह लेती है। जटाओं में गंगा को धारण करने वाले, देवों में सबसे पहले, वो हर भक्त के दिल में बसते हैं। जैसे कोई नदी सदा बहती रहे, वैसे ही उनकी कृपा सदा बरसती है।
जीवन का सच यही है कि भोलेनाथ की शरण में हर दुख छोटा पड़ जाता है। उनका चेला बनकर, उनके नाम में डूबकर, मन को वो सुकून मिलता है, जैसे कोई थका पथिक ठंडी छांव में सांस ले। बस "शंभू शंभू" बोलो, और सारा संसार मंगलमय हो जाता है।
भगवान शिव को शंभु इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका नाम कल्याण और उत्पत्ति से जुड़ा है। "शंभु" शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है: शम् जिसका अर्थ है "कल्याण" या "सुख", और भू जिसका अर्थ है "उत्पत्ति" या "जन्म लेना"। इस प्रकार, शंभु का शाब्दिक अर्थ है "कल्याण का स्रोत" या "वह जो सुख प्रदान करता है"। वे अपने भक्तों के दुखों को दूर करके उन्हें सुख और शांति देते हैं। इसके अलावा, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह नाम स्वयंभू (जिसकी उत्पत्ति स्वयं से हुई हो) से भी जुड़ा है। चूँकि शिव की कोई उत्पत्ति नहीं है और वे स्वयं में परिपूर्ण हैं, इसलिए उन्हें शंभु कहा जाता है, जो उनके स्व-अस्तित्व और सर्वोच्चता को दर्शाता है। यह नाम शिव के शांत, दयालु और कल्याणकारी स्वरूप का प्रतीक है।
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