वृंदावन की शोभा देखे मेरे नैन लिरिक्स Vrindavan Ki Shobha Lyrics
वृंदावन की शोभा,
देखे मेरे नैन,
वृंदावन की शोभा,
देखे मेरे नैन सिरात,
कुंज निकुंज पुंज सुख,
बरसत हरषत सबकौ गात।
राधा मोहनके निज मंदिर,
महाप्रलय नहीं जात,
ब्रह्मातें उपज्यो न अखंडित,
कबहूँ नाहिं नसात।
फनिपर रवि तरि नहिं बिराट,
महँ नहिं संध्या नहिं प्रात,
माया कालरहित नित नूतन,
सदा फूल फल पात।
निरगुन सगुन ब्रह्मतें न्यारौ,
बिहरत सदा सुहात,
ब्यास बिलास रास अद्भुत गति,
निगम अगोचर बात।
देखे मेरे नैन,
वृंदावन की शोभा,
देखे मेरे नैन सिरात,
कुंज निकुंज पुंज सुख,
बरसत हरषत सबकौ गात।
राधा मोहनके निज मंदिर,
महाप्रलय नहीं जात,
ब्रह्मातें उपज्यो न अखंडित,
कबहूँ नाहिं नसात।
फनिपर रवि तरि नहिं बिराट,
महँ नहिं संध्या नहिं प्रात,
माया कालरहित नित नूतन,
सदा फूल फल पात।
निरगुन सगुन ब्रह्मतें न्यारौ,
बिहरत सदा सुहात,
ब्यास बिलास रास अद्भुत गति,
निगम अगोचर बात।
।। वृन्दावन की सोभा देखत ।। श्री राजेन्द्रदास जी ।। श्री हरिराम व्यास जी ।। राग सारंग ।। Vrindavan
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