आ ही गये रघुनंदन लिरिक्स Aa Hi Gaye Raghunandan Lyrics
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार,
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार।
स्वर्ण कलश रखवादो,
बंधवा दो बंधन वार,
सजी नगरिया है सारी,
नाचे गायें नर नारी,
अब खुशियां मनाओ,
गाओ रे मंगलाचार,
स्वर्ण कलश रखवादो,
बंधवा दो बंधन वार।
इधर राम जी अपने,
मित्रों से कहने लगे,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी,
अवधपुरी ये है अवधपुरी,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी।
यहां भानुकुर कमल दिवाकर,
कपिन्ह दिखावत नगर मनोहर,
सुन्ह कपीस अंगद लंकेशा,
पावनपुरी रुचिर यह देशा।
सुनो जामवंत बजरंगबली,
मुझे प्राणों से भी प्यार है,
ये अवधपुरी।
यद्यपि सब बैकुंठ बखाना,
वेद पुराण विदित जग जाना,
अवधपुरी सम प्रिय नहीं सोउ,
यह प्रसंग जानहिं कोउ कोउ।
सुनो जामवंत बजरंगबली,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी।
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार,
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार।
सजवादो द्वार द्वार,
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार।
स्वर्ण कलश रखवादो,
बंधवा दो बंधन वार,
सजी नगरिया है सारी,
नाचे गायें नर नारी,
अब खुशियां मनाओ,
गाओ रे मंगलाचार,
स्वर्ण कलश रखवादो,
बंधवा दो बंधन वार।
इधर राम जी अपने,
मित्रों से कहने लगे,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी,
अवधपुरी ये है अवधपुरी,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी।
यहां भानुकुर कमल दिवाकर,
कपिन्ह दिखावत नगर मनोहर,
सुन्ह कपीस अंगद लंकेशा,
पावनपुरी रुचिर यह देशा।
सुनो जामवंत बजरंगबली,
मुझे प्राणों से भी प्यार है,
ये अवधपुरी।
यद्यपि सब बैकुंठ बखाना,
वेद पुराण विदित जग जाना,
अवधपुरी सम प्रिय नहीं सोउ,
यह प्रसंग जानहिं कोउ कोउ।
सुनो जामवंत बजरंगबली,
मुझे प्राणों से भी प्यारी है,
ये अवधपुरी।
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार,
आ ही गये रघुनंदन,
सजवादो द्वार द्वार।
आ ही गए रघुनन्दन || Aa Hi Gaye Raghunandan || Shri Radhika Music || #ayodhyarammandir #rambhajan
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