आज बेटी जनक की अवध को चली लिरिक्स Aaj Beti Janak Ki Avadh Lyrics

आज बेटी जनक की अवध को चली लिरिक्स Aaj Beti Janak Ki Avadh Lyrics


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आज बेटी जनक की अवध को चली,
मां की ममता चली घर की लक्ष्मी चली.

कौन कहता है ज्ञानी जनक हैं बड़े,
प्यारी बेटी के आंसू लिये हैं खड़े,
मां सुनैना के आंखों की पुतली चली,
आज बेटी जनक की अवध को चली.

तोता मैना पुकारे सिया ओ सिया,
बन्द पिंजरे में क्यू तूने मुझको किया,
आज उड़जाता मैं भी अवध की गली,
आज बेटी जनक की अवध को चली.

तोता रोओ नहीं न रोओ सरका,
आंसुओ से भरा है जीवन नारी का,
कह देना पिता की दुलारी चली,
आज बेटी जनक की अवध को चली.

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