आया सावन तो फिर याद आई लिरिक्स Aaya Sawan To Phir Lyrics
आया सावन तो फिर याद आई, वो मायके की गलियाँ
वो सखियाँ सहेलियाँ , और झूलों पे झूलनाऽऽऽऽऽऽ
आया सावन तो फिर याद आई
घिरआईं घटा मेरे बाबा के घर,कजरारी घटा मेरे नाना के घर
मेरी दादी ने खुश हो के भेजी,मेरी नानी ने खुश हो के भेजी
लहरियाँ की साड़ी वो गोटे की साड़ी,और हरी हरी चूड़ियाँऽऽ
आया सावन तो फिर याद आई
पुरवैया वहीमेरे भैयाकेघर,और कूकीकोयल मेरेजीजा के घर
मेरी भाभी ने आज मुझे भेजे , मेरी दीदी ने आज मुझे भेजे
यह फूलों के गजरे ये मेहँदी और जेबर,औरहरी हरी चूड़ियाँऽ
आया सावन तो फिर याद आई
घिरआईं घटा मेरेबाबुल केघर,मतवाली घटामेरे बाबुलके घर
मेरी अम्मा ने खुश हो के भेजा,मेरी चाची ने खुश हो के भेजा
ये रेशम का झूला ये चाँदी की पटलीऔर हरी हरी चूड़ियाँऽऽ
आया सावन तो फिर याद आई
लगी सावन झड़ी मेरे साजन के घर मुतियन की लड़ी मेरे बालम के घर
मेरी सासुल ने खुश हो के भेजे मेरी जिठनी ने खुश हो के भेजे
ये नख़ शिख गहने ये सिंदूर बिंदिया और हरी हरी चूड़ियाँऽऽ
आया सावन तो फिर याद आई
आया सावन तो फिर याद आई लिरिक्स
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां,
वो सखियां सहेलियां,
और झूलों पे झूलना,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
घिर आई घटा मेरे बाबा के घर,
कजरारी घटा मेरे नाना के घर,
मेरी दादी ने खुश हो के भेजी,
मेरी नानी ने खुश हो के भेजी,
लहरिया की साड़ी,
वो गोटे की साड़ी,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
पुरवैया बही मेरे भैया के घर,
और कूकी कोयल मेरे जीजा के घर,
मेरी भाभी ने आज मुझे भेजे,
मेरी दीदी ने आज मुझे भेजे,
यह फूलों के गजरे ये मेंहदी और जेवर,
औरहरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
घिर आई घटा मेरे बाबुल के घर,
मतवाली घटा मेरे बाबुल के घर,
मेरी अम्मा ने खुश हो के भेजा,
मेरी चाची ने खुश हो के भेजा,
ये रेशम का झूला ये चांदी की पटली,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
लगी सावन झड़ी मेरे साजन के घर,
मुतियन की लड़ी मेरे बालम के घर,
मेरी सासुल ने खुश हो के भेजे,
मेरी जिठानी ने खुश हो के भेजे,
ये नख़ शिख गहने ये सिंदूर बिंदिया,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां,
वो सखियां सहेलियां,
और झूलों पे झूलना,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
घिर आई घटा मेरे बाबा के घर,
कजरारी घटा मेरे नाना के घर,
मेरी दादी ने खुश हो के भेजी,
मेरी नानी ने खुश हो के भेजी,
लहरिया की साड़ी,
वो गोटे की साड़ी,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
पुरवैया बही मेरे भैया के घर,
और कूकी कोयल मेरे जीजा के घर,
मेरी भाभी ने आज मुझे भेजे,
मेरी दीदी ने आज मुझे भेजे,
यह फूलों के गजरे ये मेंहदी और जेवर,
औरहरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
घिर आई घटा मेरे बाबुल के घर,
मतवाली घटा मेरे बाबुल के घर,
मेरी अम्मा ने खुश हो के भेजा,
मेरी चाची ने खुश हो के भेजा,
ये रेशम का झूला ये चांदी की पटली,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
लगी सावन झड़ी मेरे साजन के घर,
मुतियन की लड़ी मेरे बालम के घर,
मेरी सासुल ने खुश हो के भेजे,
मेरी जिठानी ने खुश हो के भेजे,
ये नख़ शिख गहने ये सिंदूर बिंदिया,
और हरी हरी चूड़ियां,
आया सावन तो फिर याद आई,
वो मायके की गलियां।
sawan geet || teej bhajan || आया सावन तो फिर || dholak geet || teej geet ||with lyrics|| NIRAVH
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