अयोध्या से निकल के आप प्रभु लिरिक्स Ayodhya Se Nikal ke Bhajan Lyrics
अयोध्या से निकल के आप प्रभु,
जब वन में रहते थे,
तरसते नैन बरसते थे,
तड़पते मन में रहते थे,
जो आये आप प्रभु जी,
प्राण जैसे लौट आये हैं।
अवध में राम आये हैं,
सिया वर राम आये हैं,
हमारे राम आये हैं।
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता,
धनुष जो है प्रभु के हाथ,
तो किस बात की चिंता।
जो राम का है जी,
वही तो काम का है जी,
जग में मिला है जो,
उन्हीं के नाम का है जी।
संभाले वो तो फिर क्यों हो,
हमें दिन रात की चिंता,
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता।
स्वागत हो मिथिला सा,
जो नगरी अयोध्या सी,
सियाराम के धुन में,
लगा रमने मथुरा काशी।
मिले एक नाम में सारे धाम,
तो किस बात की चिंता,
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता।
जब वन में रहते थे,
तरसते नैन बरसते थे,
तड़पते मन में रहते थे,
जो आये आप प्रभु जी,
प्राण जैसे लौट आये हैं।
अवध में राम आये हैं,
सिया वर राम आये हैं,
हमारे राम आये हैं।
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता,
धनुष जो है प्रभु के हाथ,
तो किस बात की चिंता।
जो राम का है जी,
वही तो काम का है जी,
जग में मिला है जो,
उन्हीं के नाम का है जी।
संभाले वो तो फिर क्यों हो,
हमें दिन रात की चिंता,
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता।
स्वागत हो मिथिला सा,
जो नगरी अयोध्या सी,
सियाराम के धुन में,
लगा रमने मथुरा काशी।
मिले एक नाम में सारे धाम,
तो किस बात की चिंता,
अवध में साथ श्री रघुनाथ,
तो किस बात की चिंता।
Sath Shree Raghunathl साथ श्री रघुनाथ| Priya Mallick | Vickey Prasad |Apoorva Bajaj | Pankaj Narayan
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