मैंने देखा है कितनी ही बार भवानी

मैंने देखा है कितनी ही बार भवानी

मैंने देखा है कितनी ही बार,
भवानी मेरे संग चलती,
मेरी बिगड़ी बनाई हर बार,
मेरी बिगड़ी बनाई हर बार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।

ज्योति में तू, त्रिशूल में तू,
मेहंदी, नथली, फूल में तू,
ओढ़े चुनरी माँ, सिंह पे सवार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।

लाख मुसीबत आती है,
ज्यों आती है, त्यों चली जाती है,
चाहे बैरी बने ये संसार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।

रोज परीक्षाएँ लेती है,
फेल कभी होने नहीं देती है,
माँ ने मुझको जिताया कई बार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।

काळजै लगाकर रखती है,
'अम्बरीष' ये गलतियों को ढकती है,
किए भक्तों पे लाखों उपकार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।

मैंने देखा है कितनी ही बार,
भवानी मेरे संग चलती,
मेरी बिगड़ी बनाई हर बार,
मेरी बिगड़ी बनाई हर बार,
भवानी मेरे संग चलती,
मैया जी मेरे संग चलती।।


मैंने देखा है कितनी ही बार भवानी मेरे संग चलती दुर्गाभजन AmbrishKumarMumbai
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