छुपे बैठे हो कण कण मे भला भजन

छुपे बैठे हो कण कण मे भला

 
छुपे बैठे हो कण कण मे भला

छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानूँ,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।

छुपे माया के परदे में,
क्या मुझसे शर्म आती है,
ये घुंघट दर्मिया पर्दा,
हटा दोगे तो मैं जानूं,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।

सुना है चाहने वालों से,
हसीनों से हसी हो तुम,
तो चेहरे से जरा चिलमन,
हटा दोगे तो मैं जानूं,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।

ये सूरज चांद से ज्यादा,
अजब जो नूर है तेरा,
मेरे दिल में वही ज्योति,
हटा दोगे तो मैं जानूं,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।

अंधेरी रात कटी दूर,
नैया भी भंवर में है,
मेरी नैया किनारे से,
हटा दोगे तो मैं जानूं,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।

छुपे बैठे हो कण कण में,
भला मैं कैसे पहचानूँ,
दोयम का दूर कर परदा,
सामने आओ तो जानूं।


Chuupe Baithe Ho Kan Kan Mein Vinod Agarwal [Full Song] Piya Tod Do Bandhan Aaj
 
भगवान के कण-कण में व्याप्त होने और भक्त की उनके दर्शन की तीव्र अभिलाषा को यह गीत हृदयस्पर्शी ढंग से व्यक्त करता है, जो मन को गहरी श्रद्धा और प्रेम से भर देता है। भक्त कहता है कि परमात्मा हर जगह छुपे हैं, पर माया का घूंघट और दोयम का परदा उसे उनकी सच्चाई जानने से रोकता है; वह प्रार्थना करता है कि प्रभु यह परदा हटाकर सामने आएँ, ताकि वह उनके दिव्य स्वरूप को पहचान सके। गीत में ईश्वर की सुंदरता को हसीनों से भी बढ़कर और उनके नूर को सूरज-चाँद से अधिक तेजोमय बताया गया है, जो भक्त के दिल में ज्योति बनकर बसता है। अंधेरी रात और भंवर में फँसी नैया का चित्रण भक्त के जीवन के संकटों को दर्शाता है, और वह प्रभु से किनारा दिखाने की गुहार लगाता है। यह गीत हृदय में ईश्वर के प्रति ऐसी तड़प जगाता है, जो माया के परदे हटाने और प्रभु के साक्षात्कार की आकांक्षा को और गहरा कर देता है।
 
Krishan Bhajan: Chuupe Baithe Ho Kan Kan Mein
Album Name: Piya Tod Do Bandhan Aaj
Singer: Vinod Agarwal
Composer: Vinod Agarwal
Lyrics: Traditional
Music Label: T-Series 

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