हे स्वर की देवी मां वीणा में मधुरता दो
हे स्वर की देवी मां वीणा में मधुरता दो
हे स्वर की देवी मां,
वीणा में मधुरता दो,
मैं गीत सुनाती हूं,
संगीत की शिक्षा दो।
सरगम का ज्ञान नहीं,
ना लय का ठिकाना है,
तुम्हें आज सभा में मां,
हमें दर्श दिखाना है,
संगीत समन्दर से,
सुर ताल हमें दे दो।
शक्ति ना भक्ति है,
सेवा का ज्ञान नहीं,
तुम्हें आज सुनाने को,
कोई सुन्दर गान नहीं,
गीतों के खज़ाने से,
एक गीत हमें दे दो।
हे स्वर की देवी मां,
वीणा में मधुरता दो,
मैं गीत सुनाती हूं,
संगीत की शिक्षा दो।
वीणा में मधुरता दो,
मैं गीत सुनाती हूं,
संगीत की शिक्षा दो।
सरगम का ज्ञान नहीं,
ना लय का ठिकाना है,
तुम्हें आज सभा में मां,
हमें दर्श दिखाना है,
संगीत समन्दर से,
सुर ताल हमें दे दो।
शक्ति ना भक्ति है,
सेवा का ज्ञान नहीं,
तुम्हें आज सुनाने को,
कोई सुन्दर गान नहीं,
गीतों के खज़ाने से,
एक गीत हमें दे दो।
हे स्वर की देवी मां,
वीणा में मधुरता दो,
मैं गीत सुनाती हूं,
संगीत की शिक्षा दो।
saraswati geet || माँ सरस्वती गीत|| hai swar ki devi maa || dholak geet || with lyrics nirvah singh
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