जपते रहो हरि नाम हो लिरिक्स
जपते रहो हरि नाम हो,
तुलसी जी का माला।
कहवा से आवे,
राम से लक्ष्मण,
कहवा से आवे हनुमान हो,
तुलसी जी का माला।
अवधपुरी से आवे,
राम से लक्ष्मण,
लंका से हनुमान हो,
तुलसी जी का माला।
काहे करन के आवे,
राम से लक्ष्मण,
काहे करन हनुमान हो,
तुलसी जी का माला।
धनुष तोरन के आवे,
राम से लक्ष्मण,
लंका जलावे हनुमान हो,
तुलसी जी का माला,
जपते रहो हरि नाम हो,
तुलसी जी का माला।
कार्तिक मास विशेष जपते रहो हरि नाम..तुलसी जी का माला..
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