जिस माला में राम नहीं भजन लिरिक्स Jis Mala Me Ram Nahi Lyrics, Ram Bhajan

जिस माला में राम नहीं भजन लिरिक्स Jis Mala Me Ram Nahi Lyrics, Ram Bhajan


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जिस माला में राम नहीं,
वो माला किस काम की,
भजले मनवा शाम सवेरे,
एक माला हरी नाम की,
जिस माला में राम नहीं,
वो माला किस काम की।

ये संसार कागज की पुड़िया,
बूंद पड्या गल जाएगी,
तेरी मेरी छोड़ बावले,
धुन लगा हरी नाम की,
जिस माला में राम नहीं,
वो माला किस काम की।

नैन दिए दर्शन करने को,
कान दिए सुण ज्ञान रे,
जीभ दी हरी गुण गाने को,
बोलो सियावर राम की,
जिस माला में राम नहीं,
वो माला किस काम की।

पवन गणिका गिद्ध अजामिल,
तर गये हरी नाम से,
ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे,
जय हो कृपा निधान की,
जिस माला में राम नहीं,
वो माला किस काम की।

जिस माला में राम नाम ना वो माला किस काम की,श्री पवन जी सहल के मधुर स्वर में,Jis mala mein ram.


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