कबीर मन्दिर आपने नित उठि करता आल हिंदी मीनिंग Kabir Mandir Aapne Meaning

कबीर मन्दिर आपने नित उठि करता आल हिंदी मीनिंग Kabir Mandir Aapne Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

कबीर मन्दिर आपने, नित उठि करता आल |
मरहट देखी डरपता, चौड़े दीया डाल ||
 
Kabir Mandir Aapne, Nit Uthi Karata Aal,
Marhat Dekhi Darpata, Choude Diya Daal
 
कबीर मन्दिर आपने नित उठि करता आल हिंदी मीनिंग Kabir Mandir Aapne Meaning

 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की जो नित्य/रोज ही उठकर अपने घर / महल में आनंद प्रमोद करते थे और जो शमशान देखकर डरते थे वे आज चौड़े में / खुले में पड़े हैं आशय है की मृत्यु हो जाने पर उनको खुले में लिटा दिया गया है।

भावार्थ : इस दोहे का भावार्थ है की एक रोज मृत्यु आनी है जो निश्चित है। इसलिए मृत्यु को सत्य मानकर भौतिक सुखों के प्रति दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। महल चौबारे हमारे किसी काम में नहीं आने वाले हैं।
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