करो राहों में उजियारे अवध में
करो राहों में उजियारे,
अवध में राम आयेंगे,
सजा दो महल चौबारे,
मेरे प्रभु राम आयेंगे।
बड़ी सूनी थी ये नगरी,
ये गुमसुम चांद तारे थे,
बड़ी उदास थी गलियां,
बड़े फीके नजारे थे,
ये सूखे गुल ये उपवन भी,
ख़ुशी से मुस्कुरायेंगें,
सजा दो महल चौबारे,
मेरे प्रभु राम आयेंगे।
अंधेरी रात भी अब तो,
ख़ुशी से जगमगायेगी,
फिजां से रंग बरसेंगे,
हवायें गुनगुनायेंगी,
देवता देख अम्बर से,
सभी खुशियां मनायेंगे,
सजा दो महल चौबारे,
मेरे प्रभु राम आयेंगे।
कौशलिया मात के बेटे,
भरत शत्रु के प्यारे थे,
उमड़ के आ गये लाखों,
वो केवल लोग सारे थे,
बिता के बरस वो चौदह,
अवध में लौट आयेंगे,
सजा दो महल चौबारे,
मेरे प्रभु राम आयेंगे।
Ram Aayenge | Special Shri Ram Bhajan | Radhika Gargi #shrirambhajan Ekadashi2024