मैं सेवक श्री राम का लिरिक्स
सजी अयोध्या अवसर आया,
मन्दिर के निर्माण का,
परम पूजनीय धाम का,
मैं सेवक श्री राम का।
सूर्यवंश का शौर्य दिखाता,
सरयू का तट पावन है,
जिनके नाम पत्थर तर जाते,
रामलला मनभावन है,
प्राण जाए पर वचन ना जाए,
आज अवध की शान का,
परम पूजनीय धाम का,
मैं सेवक श्री राम का।
मर्यादा में रहकर जिसने,
अपना धर्म निभाया था,
राजसिंहासन छोड़ चले वो,
भगवा मन को भाया था,
शेषनाग संग जनकदुलारी,
राजपाट किस काम का,
परम पूजनीय धाम का,
मैं सेवक श्री राम का।
त्रेतायुग के वो वनवासी,
घर घर पूजे जाते हैं,
नारायण हर युग में आकर,
धर्म ध्वजा लहराते हैं,
पवनपुत्र चरणों में बैठे,
सुमिरन करते नाम का,
परम पूजनीय धाम का,
मैं सेवक श्री राम का।
SEVAK | मैं सेवक श्रीराम का | Latest Ram Mandir Song
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