म्हारा हरिया बन रा सुवटिया भजन लिरिक्स Mhara Hariya Ban Ra Suvatiya Lyrics

म्हारा हरिया बन रा सुवटिया भजन लिरिक्स Mhara Hariya Ban Ra Suvatiya Lyrics



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म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।
राम मिले तो कहिजे रे,
घनश्याम मिले तो कहिजे रे।
म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।

पांच तत्व का बणिया पिंजरा,
ज्यामे बैठ्यो रिज्ये रे।
यो पिंजरों अब भयो पुराणों,
नित नई खबरां दिज्ये रे।
म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।

इस पिंजरे के दस दरवाजा,
आतो जातो रहिजे रे।
अरे रामनाम की भरले नोका,
नित भजना में रहीज्ये रे।
म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।

काम क्रोध मद लोभ त्याग ने,
गुरु चरणा में रहीज्ये रे।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
चित चरणा में रहीज्ये रे।
म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।

म्हारा हरिया बन रा सुवटिया,
तने राम मिले तो कहिजे रे।
राम मिले तो कहिजे रे,
घनश्याम मिले तो कहिजे रे।


म्हारा हरिया बन रा सुवटिया, थाने राम मिले तो कहिजे रे-Mhara Hariya Ban Ra Suvtiya

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