नये साल में नया बसेरा सिया राम

नये साल में नया बसेरा सिया राम लिरिक्स


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नये साल में नया बसेरा,
सिया राम को बनाये,
तन मन धन से सब मिलकर,
पावन पुण्ये कमाये,
जय बोलो सियाराम की,
अयोध्या है बस राम की।

दुश्मन ने कितना रोका,
फिर भी झंडी हरी,
सदियों तक ना भूलेगा,
सीख बड़ी ही कड़ी,
लेके पावन ध्वजा हाथ में,
जय जय कार बुलाये,
तन मन धन से सब मिल कर,
पावन पुण्य कमायें।

झूमे नाचे गाये सब,
प्रभु राम फिर आयेंगें,
चांदी हीरे मोती जड़े,
सिंहासन पे बिठायेंगें,
फूलो के संग पलकें अपनी,
राहों में उनके बिछायें,
तन मन धन से सब मिल कर,
पावन पुण्ये कमायें।

राम जन्म की पावन भूमि,
सब के मन को भाती है,
जो भी आके शीश झुकाये,
मुक्ती मोक्ष दिलाती है,
झुके जमाना बत्रा,
ऐसा मंदिर भव्य सजाये,
तन मन धन से सब मिलकर,
पावन पुण्य कमायें।

रोंगटे खड़े कर देने वाला भजन - नये साल में नया बसेरा, Siya Raam Ka Banaye - Amit Natkhat


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