सजा दो घर को गुलशन सा राम भजन लिरिक्स
सजा दो घर को गुलशन सा राम भजन लिरिक्स Ram Bhajan Saja Do Ghar Ko
ना जाने कितने बेचैन दिलों को,
सब्र मिल गया है,
आखिरकार मेरे प्रभु श्री राम को,
अपना घर मिल गया है।
अवध में राम आये हैं,
अवध में राम आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आये हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवध में राम आये हैं।
बुला लो सारे भक्तों को,
कोई भी छूट ना जाये,
बड़ा सौभाग्य होगा जो,
तेरे दर्शन को आ पाये,
करो स्वागत सभी झुक कर,
अवध में राम आये हैं।
ये हर दिल की तमन्ना है,
तुम्हें महलों में हम देखें,
आँखों से मेरे रघुवर में,
तेरे मंदिर को हम देखें,
दुआओं का हुआ है असर,
अवध में राम आये हैं।
सब्र मिल गया है,
आखिरकार मेरे प्रभु श्री राम को,
अपना घर मिल गया है।
अवध में राम आये हैं,
अवध में राम आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आये हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवध में राम आये हैं।
बुला लो सारे भक्तों को,
कोई भी छूट ना जाये,
बड़ा सौभाग्य होगा जो,
तेरे दर्शन को आ पाये,
करो स्वागत सभी झुक कर,
अवध में राम आये हैं।
ये हर दिल की तमन्ना है,
तुम्हें महलों में हम देखें,
आँखों से मेरे रघुवर में,
तेरे मंदिर को हम देखें,
दुआओं का हुआ है असर,
अवध में राम आये हैं।
Awadh Mein Ram Aaye Hain | Raj Pareek | Saja Do Ghar Ko Gulshan | अवध में राम- Mere Sarkar Aaye Hain
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Author - Saroj Jangir
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