राष्ट्र धर्म कर्तव्य मार्ग पर निशिदिन लिरिक्स Rashtra Dharm Kartvya Marg Lyrics
राष्ट्र धर्म कर्तव्य मार्ग पर,
निशिदिन बढ़ते जायेंगें,
अपनी भारत माता को हम,
जग सिरमौर बनायेंगें।
राणा लाचित छत्रसाल और,
चेन्नमा की शक्ति हम,
नायन्मार आलवारों,
नरसी चैतन्य की भक्ति हम,
शक्ति भक्ति युक्ति से अब हम,
प्रगति शिखर तक जायेंगें।
मर्यादा श्रीराम से लेकर,
सीता सती से तप लेकर,
गुरू नानक महावीर बुद्ध से,
सत्य शांति और जप लेकर,
सकल विश्व में त्याग शील,
और प्रेम सुधा बरसायेंगें।
चंद्रयान ने चांद पर जाकर,
ध्वजा तिरंगा फरहाया,
गगनयान ने अंतरिक्ष में,
भारत का गौरव गाया,
ज्ञान और विज्ञान के बल पर,
विश्व गुरू कहलायेंगें।
निशिदिन बढ़ते जायेंगें,
अपनी भारत माता को हम,
जग सिरमौर बनायेंगें।
राणा लाचित छत्रसाल और,
चेन्नमा की शक्ति हम,
नायन्मार आलवारों,
नरसी चैतन्य की भक्ति हम,
शक्ति भक्ति युक्ति से अब हम,
प्रगति शिखर तक जायेंगें।
मर्यादा श्रीराम से लेकर,
सीता सती से तप लेकर,
गुरू नानक महावीर बुद्ध से,
सत्य शांति और जप लेकर,
सकल विश्व में त्याग शील,
और प्रेम सुधा बरसायेंगें।
चंद्रयान ने चांद पर जाकर,
ध्वजा तिरंगा फरहाया,
गगनयान ने अंतरिक्ष में,
भारत का गौरव गाया,
ज्ञान और विज्ञान के बल पर,
विश्व गुरू कहलायेंगें।
राष्ट्र-धर्म-कर्तव्य मार्ग पर निशि-दिन बढ़ते जाएंगे।। विद्याभारती वार्षिक गीत 2024
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