ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां लिरिक्स Thumak Chalat Ramchandra Bajat Lyrics
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
किलकि किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय,
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां।
अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि,
तन मन धन वारि वारि,
कहत मृदु बचनियां।
विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर मधुर,
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां।
तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद,
रघुवर छबि के समान,
रघुवर छबि बनियां।
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
किलकि किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय,
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां।
अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि,
तन मन धन वारि वारि,
कहत मृदु बचनियां।
विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर मधुर,
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां।
तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद,
रघुवर छबि के समान,
रघुवर छबि बनियां।
Lata Mangeshkar - Thumak Chalat Ramchandra
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