मैं गोवर्धन पे जाऊं आऊं परिक्रमा लगाये लिरिक्स Main Govardhan Pe Jau Bhajan Lyrics
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये,
आऊं परिक्रमा लगाये मैं तो,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
मुरली मनोहर कान्हा की मैं,
छवि हृदय में धारूंगी,
सात कोष की देऊं परिक्रमा,
नहीं थकूं ना हारूंगी,
मानसी गंगा नहाओ,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
दर्शन कर गिरिराज धरण के,
मैं अपने भंडार भरूं,
जितने विधि विधान वहां के,
श्रद्धा से में सभी करूं,
मैं फूली नहीं समाऊं,
आऊँ परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
गोवर्धन पर जब कोई जावे,
कृपा हो गिरधारी की,
जीप कार या मोटरसाइकिल,
इच्छा नहीं सवारी की,
मैं पैदल दौड़ लगाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
ना लाऊं कोई बात ध्यान में,
गोविंदा के गुण गाऊंगी,
हाथ में तुलसी की माला ले,
उनमें चित रमाऊंगी,
ना भूल ना धोखा खाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
आऊं परिक्रमा लगाये,
आऊं परिक्रमा लगाये मैं तो,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
मुरली मनोहर कान्हा की मैं,
छवि हृदय में धारूंगी,
सात कोष की देऊं परिक्रमा,
नहीं थकूं ना हारूंगी,
मानसी गंगा नहाओ,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
दर्शन कर गिरिराज धरण के,
मैं अपने भंडार भरूं,
जितने विधि विधान वहां के,
श्रद्धा से में सभी करूं,
मैं फूली नहीं समाऊं,
आऊँ परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
गोवर्धन पर जब कोई जावे,
कृपा हो गिरधारी की,
जीप कार या मोटरसाइकिल,
इच्छा नहीं सवारी की,
मैं पैदल दौड़ लगाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
ना लाऊं कोई बात ध्यान में,
गोविंदा के गुण गाऊंगी,
हाथ में तुलसी की माला ले,
उनमें चित रमाऊंगी,
ना भूल ना धोखा खाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये,
मैं गोवर्धन पे जाऊं,
आऊं परिक्रमा लगाये।
Jau Goverdhan Parikrama LagayeHarish Maganजाऊँ गोवर्धन परिक्रमा लगाए | Goverdhan Special Bhajan
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