मैया जय जय गोमाता पाप शाप दुख हरणी भजन लिरिक्स

मैया जय जय गोमाता पाप शाप दुख हरणी भजन लिरिक्स


Latest Bhajan Lyrics

ॐ जय जय गोमाता,
मैया जय जय गोमाता,
पाप शाप दुख हरणी,
सुखों की दाता।

क्षीरसिन्धु मंथन से,
प्रगटी जो मैया,
कामधेनूं वही नंदा,
वही सुरभि मैया।

रुद्रमात वसुपुत्री बहनां,
अदितिनंदनां,
उसी गोवंश गोधन की,
कर रहा जग वन्दना।

अखिल विश्व की पालक,
फल चारों दायिनी,
आयु ओज बढ़ावे,
रस अमृत खानी।

सुर नर ऋषि मुनि पूजित,
गौ पूजित धाता,
गोसेवा गोदर्श से,
भव भय टर जाता।

धर्म कर्म की नैया,
गौ अति हितकारी,
गोबर दूध गोमूत्र,
औषधि गुणकारी।

जीवन धन गोमाता,
गौ सम्मान करो,
जो गोविन्द गोपाला,
का गुणगान करो।

जहां गोवध गोहत्या,
दुख वहां वास करें,
जहां गोसदन गोशाला,
देव निवास करें।

कर गोसेवा पूजा,
आरती जो गावे,
कहे मधुप गो सहारे,
भवजल तर जाता।

जय जय गौमाता | Jai Jai Gau Mata | Arti Gau Mata Ki | Mata aarti | Mata Bhajan @matabhajansangrah


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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