नीचे मंदिर बालाजी का ऊपर काली माई
नीचे मंदिर बालाजी का ऊपर काली माई
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।
दूर-दूर से आके नजारा,
देखें लोग-लुगाई।। (2)
बालाजी के मंदिर आगे,
भूत-भबूतें भागें।
भूतों ऊपर बजरंगबाला,
गदा घुमाते लागें।
खींचे तीन लकीर नाक पे,
वचन दिलाते पावें।
भक्ति से जो सिर झुकावे,
बला टल जाती भाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
आगे देखा भैरव बाबा,
बैठा चौकी वाला।
एक हाथ में चिमटा धर्या,
एक हाथ में माला।
लंबी-लंबी जटा बंधाई,
कांधे कंबल काला।
पूरी शक्ति उस बाबा में,
ढंग निराला भाला।।
पढ़-पढ़कर उड़द मार दे,
रोग रह न पाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
तीजा द्वार प्रेतराज का,
मेरी मुलाकात हुई।
पहले तो मैं डर गई देखके,
फिर खुल के कुछ बात हुई।
दीन-दुखियों के संकट काटें,
चर्चा सारी रात हुई।
बालाजी के दरबार में तो,
जुड़ गई दोनों हाथ हुई।
बजरंग बिना मेरे रोग की,
मिलती ना दवाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
चौथी बारी चढ़े पहाड़ पे,
काली का दरबार सजा।
माँ के चौबीसों घंटे बजती,
फड़फड़ करती लाल ध्वजा।
सुमेर भक्त कहे माँ काली की,
भक्ति का निराला मज़ा।
भक्तों को तो भंडारे भरती,
पापियों को देती सजा।
बलवान भक्त पुकारे जब भी,
तुरत पहुँच आई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।
दूर-दूर से आके नजारा,
देखें लोग-लुगाई।।
ऊपर काली माई।
दूर-दूर से आके नजारा,
देखें लोग-लुगाई।। (2)
बालाजी के मंदिर आगे,
भूत-भबूतें भागें।
भूतों ऊपर बजरंगबाला,
गदा घुमाते लागें।
खींचे तीन लकीर नाक पे,
वचन दिलाते पावें।
भक्ति से जो सिर झुकावे,
बला टल जाती भाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
आगे देखा भैरव बाबा,
बैठा चौकी वाला।
एक हाथ में चिमटा धर्या,
एक हाथ में माला।
लंबी-लंबी जटा बंधाई,
कांधे कंबल काला।
पूरी शक्ति उस बाबा में,
ढंग निराला भाला।।
पढ़-पढ़कर उड़द मार दे,
रोग रह न पाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
तीजा द्वार प्रेतराज का,
मेरी मुलाकात हुई।
पहले तो मैं डर गई देखके,
फिर खुल के कुछ बात हुई।
दीन-दुखियों के संकट काटें,
चर्चा सारी रात हुई।
बालाजी के दरबार में तो,
जुड़ गई दोनों हाथ हुई।
बजरंग बिना मेरे रोग की,
मिलती ना दवाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।।
चौथी बारी चढ़े पहाड़ पे,
काली का दरबार सजा।
माँ के चौबीसों घंटे बजती,
फड़फड़ करती लाल ध्वजा।
सुमेर भक्त कहे माँ काली की,
भक्ति का निराला मज़ा।
भक्तों को तो भंडारे भरती,
पापियों को देती सजा।
बलवान भक्त पुकारे जब भी,
तुरत पहुँच आई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई।
दूर-दूर से आके नजारा,
देखें लोग-लुगाई।।
Neeche Mandir Balaji Ka Narendra Kaushik [Full Song] I Teri Sharan Mein Balaji
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Admin - Saroj Jangir
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