कर अपना कल्याण सत्संग में आके
कर अपना कल्याण सत्संग में आके,
सत्संग है इक तीरथ भारी,
मन की मैल जो धोवे सारी,
कर ले तू स्नान सत्संग में आके।
सन्तों का संग खान रतन की,
होवे प्राप्ति भक्ति धन की,
बन तू भी धनवान सत्संग में आके।
सत्संग में है लाभ अनेक,
होवे सत्य असत्य विवेक,
मिल जाये तुरंत ज्ञान सत्संग में आके।
बाल्मीकि नारद आदि जो है,
सत्संग की महिमा कह गये वो,
जीवन बने महान सत्संग में आके।
दासा रंग चढ़ावे सत्संग,
काग से हंस बनावे सत्संग,
अपनी हो पहचान सत्संग में आके।
सत्संग है इक तीरथ भारी,
मन की मैल जो धोवे सारी,
कर ले तू स्नान सत्संग में आके।
कर अपना कल्याण, सत्संग में आ के | SSDN | Shri Anandpur Bhajan
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