मेरे अंगना में आए गजानंद सखी री में मगन हुई लिरिक्स Mere Angna Me Aaye Gajanand
मेरे अंगना में आए गजानंद,
सखी री में मगन हुई,
मेरे अंगना में आए गजानंद,
सखी में मगन हुई।
ठुमक ठुमक मेरे अंगना में आए,
पैरों में पैजनिया बजाएं,
मुझे मिल गए चारों धाम,
सखी री मैं मगन हुई।
ऊंचे सिंहासन पर उनको बिठाया,
गंगाजल से चरण धुलाया,
मेरे धुल गए पाप तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
सोने का मैं मुकुट बनाया,
गजानंद के मन को भाया,
मुझे दे दिया सारा ज्ञान,
सखी री मैं मगन हुई।
चुन चुन कलियां हार बनाया,
हार पहनाया,
माथे तिलक लगाया,
मुझे खुशियां मिली तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
लड्डू पेड़ा पकवान बनाया,
खीर चूरमें का भोग लगाया,
मेरे भरे भंडारे तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
सखी री में मगन हुई,
मेरे अंगना में आए गजानंद,
सखी में मगन हुई।
ठुमक ठुमक मेरे अंगना में आए,
पैरों में पैजनिया बजाएं,
मुझे मिल गए चारों धाम,
सखी री मैं मगन हुई।
ऊंचे सिंहासन पर उनको बिठाया,
गंगाजल से चरण धुलाया,
मेरे धुल गए पाप तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
सोने का मैं मुकुट बनाया,
गजानंद के मन को भाया,
मुझे दे दिया सारा ज्ञान,
सखी री मैं मगन हुई।
चुन चुन कलियां हार बनाया,
हार पहनाया,
माथे तिलक लगाया,
मुझे खुशियां मिली तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
लड्डू पेड़ा पकवान बनाया,
खीर चूरमें का भोग लगाया,
मेरे भरे भंडारे तमाम,
सखी री मैं मगन हुई।
मेरे अंगना में आए गजानंद सखी री में मगन हुई।। MERE ANGANA ME AAYE GAJANAND SAKHI RI MAI MAGAN HUI
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Author - Saroj Jangir
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