ख़ताओं की सतगुरु क्षमा चाहता हूं Khatao Ki Satguru Bhajan
ख़ताओं की सतगुरु क्षमा चाहता हूं,
मुहब्बत की हरदम निगाह चाहता हूं।
मुहब्बत का सतगुरु जी रसता दिखाकर,
मुहब्बत की जंजीर मुझ को पहनाकर,
बनाया मुझे अपना सब से हटाकर,
यही नज़रें रहमत सदा चाहता हूं।
हमेशा रहा गलतियां ही मैं करता,
करूं क्या कि हूं मैं ख़ताओं का पुतला,
मगर तूने हरदम हरदम,
सहारा ही बख़्शा,
सहारा हमेशा तेरा चाहता हूं।
तेरे प्यार ने मेरी ज़िन्दगी बनाई,
तेरे प्यार ने मेरी हिम्मत बढ़ाई,
मेरे दिल में अपनी मुहब्बत बसाई,
सुहब्बत का रंग नित नया चाहता हूं।
तेरे चरणों में मन हमेशा लगा हो,
मेरा ख्याल हरदम तुझी से जुड़ा हो,
कि इस दास को आसरा बस तेरा हो,
इसी आसरे पर जीना चाहता हूं।
ख़ताओं की सतगुरु क्षमा चाहता हूं,
मुहब्बत की हरदम निगाह चाहता हूं।
मुहब्बत की हरदम निगाह चाहता हूं।
मुहब्बत का सतगुरु जी रसता दिखाकर,
मुहब्बत की जंजीर मुझ को पहनाकर,
बनाया मुझे अपना सब से हटाकर,
यही नज़रें रहमत सदा चाहता हूं।
हमेशा रहा गलतियां ही मैं करता,
करूं क्या कि हूं मैं ख़ताओं का पुतला,
मगर तूने हरदम हरदम,
सहारा ही बख़्शा,
सहारा हमेशा तेरा चाहता हूं।
तेरे प्यार ने मेरी ज़िन्दगी बनाई,
तेरे प्यार ने मेरी हिम्मत बढ़ाई,
मेरे दिल में अपनी मुहब्बत बसाई,
सुहब्बत का रंग नित नया चाहता हूं।
तेरे चरणों में मन हमेशा लगा हो,
मेरा ख्याल हरदम तुझी से जुड़ा हो,
कि इस दास को आसरा बस तेरा हो,
इसी आसरे पर जीना चाहता हूं।
ख़ताओं की सतगुरु क्षमा चाहता हूं,
मुहब्बत की हरदम निगाह चाहता हूं।
ख़ताओं की सतगुरु क्षमा चाहता हूँ ।मुहब्बत की हरदम निगाह चाहता हूँ | Shri Anandpur Dham Bhajans
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।