विसर्जन को चली रे चली रे मोरी मैया भजन

विसर्जन को चली रे चली रे मोरी मैया भजन

(मुखड़ा)
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,
विदाई से आज मोरी,
विदाई से आज मोरी,
भर आई हैं अखियाँ,
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया।।

(अंतरा)
नौ दिन माई, तेरी सेवा में बीते,
अब कैसे विरहा की ये रैन बीते,
नौ दिन माई, तेरी सेवा में बीते,
तुझ बिन लगेगी माई,
सूनी-सूनी गलियाँ,
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया।।

आज चली रे धाम भवानी,
सूना करके आज भवानी,
आज चली रे धाम भवानी,
जाए सही ना माई,
विरहा की घड़ियाँ,
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया।।

रो-रो कर करते हैं विदाई,
अगले बरस फिर आना है माई,
रो-रो कर करते हैं विदाई,
तुझसे बिछड़ के मैया,
बन ना जाऊँ मैं जोगनिया,
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया।।

(पुनरावृति)
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,
विदाई से आज मोरी,
विदाई से आज मोरी,
भर आई हैं अखियाँ,
विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया।।
 


विसर्जन को चली मेरी मैया ~ शहनाज़ अख़्तर ~ Shahnaaz Akhtar ~ नवरात्रि का सबसे दर्द भरा विसर्जन भजन
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