दुष्ट पापिनी केकैयी माता भजन

दुष्ट पापिनी केकैयी माता भजन

 दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला,
हंसती-खिलती अवधपुरी में,
अंधकार कर डाला,
ओ राम मेरे राम,
मेरे राम मेरे राम।।

राम, लखन, सीता को तूने,
वन में भेजा क्यों कलिहारी,
मेरे पिता के प्राण डस गई,
बन गई तू क्यों नागिनकारी,
अपनी माँग को तूने ही क्यों,
सूना है कर डाला,
दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला।।

मेरे पिता से जब वर माँगे,
जीभ तेरी क्यों ना टूट गई,
भाई वन को जाते देखे,
आँख तेरी क्यों ना फूट गई,
अपने ही बेटे का तूने जीवन,
नरक भाँति कर डाला,
दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला।।

अब ना राज करूँ मेरी मैया,
मर जाऊँ मैं मार कटारी,
मुझको भी तू ज़हर खिला दे,
ओ मैया दुश्मन हत्यारी,
लगता है जैसे तेज़ छुरी ने,
मुझको चीर है डाला,
दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला।।

यहाँ रहने का धर्म नहीं माँ,
खुशबू नहीं है इस गुलशन में,
भाई वन को चले री गए देखो,
काग उड़े हैं अब महलन में,
जीवन की खिलती बगिया को,
तूने मुरझा डाला,
दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला।।

दुष्ट पापिनी केकैयी माता,
तूने क्या कर डाला,
हंसती-खिलती अवधपुरी में,
अंधकार कर डाला,
ओ राम मेरे राम,
मेरे राम मेरे राम।।


आज का सबसे दर्द भरा और रोंगटे खड़े कर देने वाला- "फिल्मी तर्ज भजन" | दुष्ट पापिनी कैकयी माता
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