शिव तांडव भजन स्तुति Shiv Tandav Bhajan Lyrics
शिव शम्भू शिव शम्भू भोलेनाथ,
शिव सृष्टि है शिव भक्ति हैं,
शिव मुझमें है शिव शक्ति है,
शिव अनंत है शिव अनादि है,
शिव गंभीर भी शिव विरक्ति है।
शिव शंभू शिव शंभू भोलेनाथ।
गले भुजंग को लपेटे,
दस दिशाओं को समेटे,
बैठे है कैलाशपति,
भस्म अंग में लपेटे।
जटाट्वी गलज्वल्पप्रवाह,
पावितस्थले,
न आदि है न अंत जिसका,
मर्म है मरुस्थले,
प्रारंभ है प्रचंड है,
और शक्तियां अखंड हैं,
साधु संत महावीर,
काल भी विजयी करे।
गलेऽव लम्ब्यलम्बितां,
भुजंगतुंग मालिकाम्,
केदार गर्भ है धरा का,
शुद्ध और पवित्र धाम।
प्रकृति भी धो के,
चरण रज को है पखारती,
शंभु हैं विराजमान,
धाम का बड़ा है नाम।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं,
योगी महायोगी,
महाकाल शिव शंकरं,
सुंदर सम्मोहि वैरागी भयंकर,
त्रिपुंड चंद्रमा ललाट,
रौद्र रूप हैं स्वयं।
चकारचण्डताण्डवं,
तनोतु नः शिवः शिवम्,
नीलकंठ महादेव,
कंठे विष धारणं,
राजाधिराज,
तीन लोक को विजयी करे,
भुजदंड हैं विशाल,
आकार ॐ कारकं।
जटाकटा हसंभ्रम,
भ्रमन्निलिंपनिर्झरी,
शिव महान भोले,
और शिव ही हैं वंदनीय।
आराध्य हैं जो देवों में,
देव महादेव मेरे,
हिमांचल की पुत्री हैं,
जिनकी अर्धांगिनी।
विलोलवीचिवल्लरी,
विराजमानमूर्धनि,
ऐसे महादेव की है,
छत्रछाया पावनी।
फूल बेलपत्र पान,
धतूरा और भस्म ले,
कर श्रृंगार उनका,
करूं पूजन और आरती।
धगद्धगद्धगज्ज्वल,
ल्ललाटपट्टपावके,
कृपा करो हे शंभू,
मैं हूं शरण में आपके।
हांथ जोड़ वंदन है,
मस्तक है चरणों पर,
विधिविधान शक्तिमान,
जीवन है आपसे।
किशोर चन्द्र शेखरे,
रतिः प्रति क्षणम् मम,
हे महाबली,
मुझ दास की ज़रा सुनो।
आया हूं शरण,
आप शरणागत वत्सल हो,
भक्ति वरदान देदो,
इतनी कृपा करो।
शिव सृष्टि है शिव भक्ति हैं,
शिव मुझमें है शिव शक्ति है,
शिव अनंत है शिव अनादि है,
शिव गंभीर भी शिव विरक्ति है।
शिव शंभू शिव शंभू भोलेनाथ।
गले भुजंग को लपेटे,
दस दिशाओं को समेटे,
बैठे है कैलाशपति,
भस्म अंग में लपेटे।
जटाट्वी गलज्वल्पप्रवाह,
पावितस्थले,
न आदि है न अंत जिसका,
मर्म है मरुस्थले,
प्रारंभ है प्रचंड है,
और शक्तियां अखंड हैं,
साधु संत महावीर,
काल भी विजयी करे।
गलेऽव लम्ब्यलम्बितां,
भुजंगतुंग मालिकाम्,
केदार गर्भ है धरा का,
शुद्ध और पवित्र धाम।
प्रकृति भी धो के,
चरण रज को है पखारती,
शंभु हैं विराजमान,
धाम का बड़ा है नाम।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं,
योगी महायोगी,
महाकाल शिव शंकरं,
सुंदर सम्मोहि वैरागी भयंकर,
त्रिपुंड चंद्रमा ललाट,
रौद्र रूप हैं स्वयं।
चकारचण्डताण्डवं,
तनोतु नः शिवः शिवम्,
नीलकंठ महादेव,
कंठे विष धारणं,
राजाधिराज,
तीन लोक को विजयी करे,
भुजदंड हैं विशाल,
आकार ॐ कारकं।
जटाकटा हसंभ्रम,
भ्रमन्निलिंपनिर्झरी,
शिव महान भोले,
और शिव ही हैं वंदनीय।
आराध्य हैं जो देवों में,
देव महादेव मेरे,
हिमांचल की पुत्री हैं,
जिनकी अर्धांगिनी।
विलोलवीचिवल्लरी,
विराजमानमूर्धनि,
ऐसे महादेव की है,
छत्रछाया पावनी।
फूल बेलपत्र पान,
धतूरा और भस्म ले,
कर श्रृंगार उनका,
करूं पूजन और आरती।
धगद्धगद्धगज्ज्वल,
ल्ललाटपट्टपावके,
कृपा करो हे शंभू,
मैं हूं शरण में आपके।
हांथ जोड़ वंदन है,
मस्तक है चरणों पर,
विधिविधान शक्तिमान,
जीवन है आपसे।
किशोर चन्द्र शेखरे,
रतिः प्रति क्षणम् मम,
हे महाबली,
मुझ दास की ज़रा सुनो।
आया हूं शरण,
आप शरणागत वत्सल हो,
भक्ति वरदान देदो,
इतनी कृपा करो।
Shiv Tandav Rap Stuti | Prince Siddharth Dwivedi | New hindi rap song 2024 | Shiv Shambhu Bholenath
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