मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई लिरिक्स
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
पता जब लगा मेरी हस्ती का मुझको,
सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नही है,
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
सभी में सभी में फकत मैं ही मैं हूं,
सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नहीं है,
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
ना दुःख है ना सुख है ना शोक है कुछ भी,
अजब है यह मस्ती पीया कुछ नहीं है,
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
अरे मैं हूं आनंद आनंद मेरा,
मस्ती ही मस्ती और कुछ नहीं है,
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
भ्रम है द्वन्द है जो मुझको हुआ है,
हटाया जो उसको खफा कुछ नहीं है,
मुझे मेरी मस्ती कहां ले के आई,
जहां मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
Mujhe Meri Masti Kaha Leke,Narayan Swami Bhajan - Gujarati Mi
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