नर तन फेर ना मिलेगो रे लिरिक्स Nar Tan Pher Na Milega Re Bhajan Lyrics

नर तन फेर ना मिलेगो रे लिरिक्स Nar Tan Pher Na Milega Re Bhajan Lyrics

 
नर तन फेर ना मिलेगो रे लिरिक्स Nar Tan Pher Na Milega Re Bhajan Lyrics

नर तन फेर ना मिलेगो रे,
बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की।

बड़े भाग मानुष तन पायो,
भटक भटक चौरासी,
अब के दाव चूक जाए बंदे,
फेर पड़े गल फांसी,
डंडा पीठ पे पड़ेगा ये,
बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की।

दिन ऊगे से दिन डूबे तक,
बेहद करे कमाई,
छोरा छोरी की लालच में,
महल दिये बनवाई,
इनमें कैसे तो रहेगो रे,
बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की।

माया के मद में आकर के,
रोज मचावे दंगा,
एक दिन मरघट बीच ले जाएंगे,
कुटुम्ब करे तोय नंगा,
वा दिन चौड़े में फुंकेगो रे,
बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की।

देहरी तक तेरी तिरिया रोवे,
पोरी तक तेरी मैया,
तेरह दिन तक याद रहेगी,
कहे कबीर समझैया,
नाता यही तक रहेगो रे,
बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की।


Nartan fer na milego//नर तन फेर ना मिलेगा बांधे क्यों गठडिया प्राणी पाप की//Singer - Tikam Jalandra


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